Admiral Dinesh Tripathi: नौसेना के नए प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने की है रीवा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई, चाचा ने निभाई मेंटोर की भूमिका
मध्य प्रदेश के दो जिले रीवा और सतना गौरवान्वित हैं कि उनका लाल दिनेश कुमार त्रिपाठी आज देश की नौसेना का प्रमुख बन गया है। सतना जिले के रामपुर बाघेलान के महुडर गांव में 15 मई 1964 को सामान्य ब्राह्मण परिवार में जन्मे नए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने रीवा के सैनिक स्कूल के सतपुड़ा हाउस में रहकर पढ़ाई की थी।
ऑनलाइन डेस्क, रीवा (मध्य प्रदेश)। मध्य प्रदेश के दो जिले रीवा और सतना गौरवान्वित हैं कि उनका लाल दिनेश कुमार त्रिपाठी आज देश की नौसेना का प्रमुख बन गया है।
सतना जिले के रामपुर बाघेलान के महुडर गांव में 15 मई 1964 को सामान्य ब्राह्मण परिवार में जन्मे नए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने रीवा के सैनिक स्कूल के सतपुड़ा हाउस में रहकर पढ़ाई की थी।
Admiral Dinesh K Tripathi, PVSM, AVSM, NM, assumed command of the #IndianNavy as the 26th Chief of the Naval Staff, to date #30Apr 24.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 30, 2024
He was presented a ceremonial Guard of Honour at the South Block, #NewDelhi.@SpokespersonMoDhttps://t.co/jTkT0VcY5b pic.twitter.com/NQxxEol8Xc
रीवा के सैनिक स्कूल से की पढ़ाई
बता दें कि दिनेश कुमार त्रिपाठी के पिता (स्व.) मुनि प्रसाद तिवारी स्वास्थ्य विभाग में कंपाउंडर थे, जबकि मां रजनी तिवारी गृहणी हैं, जो बेटे के साथ ही रहती हैं। तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े दिनेश कुमार त्रिपाठी की पांचवीं तक की शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में ही हुई।साल 1973 में उन्हें रीवा के सैनिक स्कूल में दाखिला मिला। साल 1981 में यहां से निकले तो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडगवासला, पुणे, महाराष्ट्र में प्रवेश लिया। एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को अपने गांव से बेहद प्यार है और समय-समय पर वे यहां आते रहते हैं। यहां इनके परिवार का मकान है। हालांकि, परिवार के लोग रीवा में रहते हैं।
अभी 10 दिनों पहले ही दिनेश महुडर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बचपन के मित्रों, चचेरे भाई सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक डा. एसपीएस तिवारी और उनसे मिलने आए बहन-बहनोई के साथ समय बिताया था। गांव के लोगों ने फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत भी किया था। दिनेश जब भी गांव में होते हैं, वे पूरा संवाद विंध्य अंचल की बोली 'बघेली" में ही करते हैं।
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