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Shardiya Navratri 2022: भोपाल का एकमात्र मंदिर जहां गर्भगृह में विराजी हैं नौ दुर्गा, सुबह 4 बजे होता है मां का श्रृंगार

Shardiya Navratri 2022 भोपाल का मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर जहां गर्भगृह में नौ दुर्गा विराजमान है। यहां 2014 में लालबाग के राजा लक्ष्मीनारायण राधा-कृष्ण राम दरबार पशुपतिनाथ हनुमान जी की मूर्ति की स्‍थापना भी की गई थी।

By JagranEdited By: Babita KashyapUpdated: Mon, 26 Sep 2022 09:45 AM (IST)
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भोपाल का मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर जहां गर्भगृह में नौ दुर्गा विराजमान है
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। Navratri 2022: तीन शेड क्षेत्र में स्थित का मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। शारदीय, चैत्र और गुप्त नवरात्रि मंदिर में श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। भक्तों का तांता लगा हुआ है। नवरात्रि में सुबह चार बजे नौ माताओं का श्रृंगार किया जाता है।

इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए गर्भगृह खोल दिया जाता है। यह मंदिर शहर का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें मां दुर्गा नौ रूपों में विराजमान हैं।

मंदिर का इतिहास

दुर्गा उत्‍सव यहां 1976 से मनाया जाता है, 1986 में समिति ने एक छोटा सा मंदिर यहां बनवाया और उसमें माता रानी की डेढ़ फीट की प्रतिमा स्‍थापित कर दी। इस मंदिर का नामकरण आदर्श दुर्गा मंदिर के नाम से कर दिया गया। यहां नौ देवियों की स्‍थापना की गई। मंदिर का जीर्णोद्धार 1998 में किया गया था।

मंदिर का 75 फीट का शिखर बनाया गया। इस मंदिर को अब लोग मां वैष्णो धाम नौ दुर्गा मंदिर के नाम से जानते हैं। यहां 2014 में लालबाग के राजा लक्ष्मीनारायण, राधा-कृष्ण, राम दरबार, पशुपतिनाथ, हनुमान जी की मूर्ति की स्‍थापना भी की गई थी।

प्रात: 4 बजे होता है यहां मां का शृंगार

मंदिर में सुबह 4 बजे माता रानी के पहले स्वरूप का श्रृंगार किया जाता है, उसके बाद गर्भगृह खोला जाता है। नवरात्र में भक्‍त रात 11 बजे तक माता रानी के दर्शन कर सकते हैं। नवरात्र पर माता रानी की पूजा दो साल बाद की जाएगी, दरअसल कोरोना संक्रमण के कारण भक्‍तों के यहां आने पर पाबंदी थी।

1008 नाम से होगा सहस्त्रार्चन

नवरात्र में भक्‍त माता रानी के नौ रूपों का दर्शन कर पाएंगे। यहां पूरे नौ दिन तक मां का 21 किलो पारे के श्री यंत्र का मां के 1008 नाम से सहस्त्रार्चन होगा। नवरात्र के पावन अवसर पर बड़ी संख्‍या में भक्‍त मां के दर्शनों के लिए आएंगे। इसके लिए मंदिर परिसर में मां के दर्शनों के लिए भक्‍तों के बैठने की खास व्‍यवस्‍था की गई है।

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