World Mental Health Day: मानसिक रोगियों के लिए मीलों की दूरी तय करता है डाक्टर, लोग कहते हैं पागलों का वकील
World Mental Health Day 2022 छतरपुर के वकील डॉ. संजय शर्मा मानसिक रोगियों के डाक्टर हैं लोगों के इलाज के लिए वे कई सौ मील की दूरी का सफर तय करके आते हैं। 32 साल में एक हजार से अधिक लोगों का इलाज कर चुके हैं।
छतरपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। World Mental Health Day 2022: मानसिक रूप से बीमार लोगों को गंदे कपड़े पहनकर सड़कों पर घूमते देख अक्सर लोग मुंह मोड़ लेते हैं, लेकिन छतरपुर के वकील डॉ. संजय शर्मा ऐसे लोगों के लिए कई सौ मील का सफर तय करते हैं। उन्हें दिल्ली-मुंबई और देश के विभिन्न शहरों में मदद के लिए बुलाया जाता है।
वे ऐसे मानसिक रोगियों के पास जाते हैं और उन्हें नहलाने, खाने-पिलाने के साथ उनका इलाज भी करते हैं। 32 साल में वे एक हजार से अधिक ऐसे लोगों को स्वास्थ्य लाभ दे चुके हैं। उनकी सेवा के इस जुनून के कारण लोग उन्हें प्यार से पागलों का वकील कहते हैं।
एक मानसिक रोग के शरीर में पड़ गए थे कीड़े
डा संजय शर्मा ने बताया कि कि बागेश्वर धाम में एक मानसिक रोग के शरीर में कीड़े पड़ गए थे। जब उन्हें इसका पता चला तो वे उसके पास गए, वो भूखा था उसे चाय और ब्रेड का पैकेट खाने के लिए दिया। जबलपुर मालेगांव का रहने वाले इस युवक का नाम धीरेंद्र महादेव ढोके है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
धीरेंद्र जब ठीक हुआ तो एक हफ्ते बाद उसके परिजन आए और उसे साथ ले गए। बिजावर का रहने वाला एक युवक बीते 20 साल से सड़कों पर घूम रहा था। अगर वह लोगों से राजनीति की बात करते तो लोग उसे पागल समझकर पीटने लग जाते थे।
इस युवक के बारे में बिजावर से उसके परिजनों ने संपर्क किया था। युवक को इलाज के लिए ग्वालियर मानसिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
मदद करने में आयी बाधा लेकिन हिम्मत नहीं हारी
एक शिक्षक ऐसी स्थिति में पहुंच गया था कि वह लोगों पर धारदार हथियारों से हमला करने लगा था। घर के लोग उसे दिन-रात जंजीरों से बांधकर रखते थे। डा. शर्मा ने एसपी से मुलाकात की और उस मनोरोगी के इलाज के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू की।
कोर्ट ने बंद दरवाजों के पीछे कुछ सवाल पूछे। शिक्षक था इसलिए प्रश्नों का सही उत्तर दिया, ऐसे में डॉ. शर्मा के खिलाफ ही कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया, लेकिन जब कोर्ट ने जांच कराई तो युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त पाया गया। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद उसे इलाज के लिए भेजा गया था।
नानी रोज खिलाती थी ऐसे लोगों को खाना
डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि जब वह छोटे थे तो एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति प्रतिदिन मोहल्ले में आया करता था। बच्चे उसे परेशान करते थे। मेरी नानी उसे रोज खाना दिया करती थी। नानी से मुझे भी प्रेरणा मिली और मैं भी उसे खाना देने लगा। एक वकील होने के कारण ऐसे मानसिक रोगियों को मैंने कानून का सहारा ले स्वास्थ्य लाभ दिलवाना शुरू किया।
यह भी पढ़ें-
भोपाल में हेलमेट और सीट बेल्ट चेकिंग अभियान फिर शुरू, नहीं लगाया तो भरना होगा जुर्माना
ओडिशा सरकार ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय: नक्सली वारदात में मृत्यु होने पर मिलेगी दोगुनी सहायता राशि