Madhya Pradesh: पेंच टाइगर रिजर्व में बाघिन ने 4 और शावकों को दिया जन्म, 20 हुई Cubs की संख्या
MP News पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश सिंह ने बताया कि सोमवार को सफारी के दौरान कुछ अधिकारियों और आगंतुकों ने बाघिन को चार शावकों के साथ देखा। उन्होंने कहा कि ये पहली बार था जब बाघिन को अपने शावकों के साथ देखा गया था।
सिवनी, एजेंसी। Madhya Pradesh Tigers: मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve) से एक खुशखबरी आई है। यहां एक बाघिन ने चार और शावकों (Tigress) को जन्म दिया है। अब उसके बच्चों की संख्या 20 हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि टी-4 बाघिन को पटदेव के नाम से भी जाना जाता है। पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश सिंह ने बताया कि सोमवार को सफारी के दौरान कुछ अधिकारियों और आगंतुकों ने बाघिन को चार शावकों के साथ देखा। उन्होंने कहा कि ये पहली बार था जब बाघिन को अपने शावकों के साथ देखा गया था।
अभी 12 साल की है बाघिन
बताया जा रहा है कि बाघिन के बच्चे करीब दो महीने के लग रहे थे। अधिकारी ने कहा कि बाघिन 2014 से अब तक 20 शावकों को जन्म दे चुकी है। बाघिन की उम्र अभी करीब 12 साल है। उसने साल 2014 में पहली बार चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन उनमें से दो की बाद में मौत हो गई थी।
सुपरमॉम बाघिन 'कॉलरवाली' की है बेटी
रजनीश सिंह ने कहा कि टी-4 को सुपरमॉम बाघिन 'कॉलरवाली' ने साल 2010 में जन्म दिया था। 'कॉलरवाली' ने 2008 से 2018 के बीच आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया था। 'कॉलरवाली' ने 11 साल में बाघों का कुनबा बढ़ाया था। कॉलरवाली की पिछले साल जून में 17 साल की उम्र में मौत हुई थी।
बाघों की संख्या के मामले में एमपी टॉप पर
साल 2018 में हुई बाघों की जनगणना में मध्य प्रदेश को शीर्ष स्थान पर रखा गया था। ये पाया गया था कि यहां 526 बाघ रह रहे थे। दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 524 बाघ मिले थे। उत्तराखंड तीसरे नंबर पर 442 बिग कैट्स के साथ था। पिछली जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बाघों की अनुमानित संख्या 2006 में 1,411 से बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई थी। मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय दुबरी सहित कई टाइगर रिजर्व हैं।
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