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MP News: आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत, परिवार ने जमकर किया हंगामा; उतारे कपड़े

मध्य के गुना में पुलिस हिरासत में पारधी समुदाय के एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिवार वालों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और अपने कपड़े उतार दिए। मृतक की पहचना देवा पारधी के रूप में हुई है। मृतक के परिवारवाले आज अपना गुस्सा व्यक्त करने और न्याय मांगने के लिए मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में एकत्र हुए।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 17 Jul 2024 03:47 AM (IST)
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आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत, परिवार ने जमकर किया हंगामा
डिजिटल डेस्क, गुना। मध्य के गुना में पुलिस हिरासत में पारधी समुदाय के एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिवार वालों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और अपने कपड़े उतार दिए। मृतक की पहचना देवा पारधी के रूप में हुई है। मृतक के परिवारवाले आज अपना गुस्सा व्यक्त करने और न्याय मांगने के लिए मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में एकत्र हुए।

पुलिस से भिड़ी महिलाएं

प्रदर्शन करते हुए कुछ महिलाओं ने विरोध करते हुए अपने कपड़े उतार दिए। महिलाएं कलेक्टर कार्यालय के अंदर बैठ गईं - कुछ तो जमीन पर लेट गईं और रोने लगीं। जैसे ही पुलिस ने उन्हें परिसर से हटाने की कोशिश की, वे अधिकारियों से भिड़ गईं और एक पुलिसकर्मी दिलीप राजौरिया घायल हो गए।

देवा पारधी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि अधिकारियों का यह दावा कि देवा पारधी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, गलत है। उन्होंने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से एक जवान लड़के की मौत कैसे हो सकती है? पुलिस ने उसे पीटा। उसके चाचा को भी पीटा गया। उन्होंने मांग की कि पीड़ित के चाचा गंगाराम को उनकी चोटों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए।

शादी के दिन पुलिस ने गिरफ्तार किया

रविवार को देवा पारधी की शादी थी और निकालने से पहले आखिरी समय पर पुलिस ने उसको और उसके चाचा को चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया। बाद में उस रात, परिवार को एक फोन कॉल पर देवा की मौत की सूचना दी गई। इसके बाद देवा की दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्महत्या करने का प्रयास किया और उसकी चाची सूरजबाई ने खुद को आग लगा ली।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मान सिंह ठाकुर ने कहा कि डॉक्टरों ने 45 मिनट तक देवा को सीपीआर भी दिया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पीड़ित परिवार ने शुरू में भोपाल में शव परीक्षण कराने की मांग की थी, लेकिन बाद में अधिकारियों के आश्वासन के बाद मजिस्ट्रेट जांच के लिए सहमत हो गए।

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