मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के बस्ते का वजन तय, 10वीं कक्षा के बैग का भार 4.5 किलो
MP Education Policy मध्य प्रदेश के सभी स्कूलों में वजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (School bag Weight) के अनुसार बस्तों का वजन तय कर दिया गया है। इससे पहले 3 जुलाई 2019 को बैगों के वजन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 12:49 PM (IST)
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्क। MP Education Policy: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के लिए सरकार ने स्कूल बैग में किताबों का वजन तय किया है। यह वजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार निर्धारित किया गया है। साथ ही सप्ताह में एक दिन बिना बैग के पढ़ाई करेंगे।
इस दिन व्यापार संबंधी गतिविधियां संचालित होंगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। स्कूल बैग में केवल राज्य सरकार और एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित किताबें ही छात्र के बैग में होनी चाहिए। हालांकि पैरेंट फेडरेशन का कहना है कि एनसीईआरटी की किताब को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं। इसे सीधे स्कूलों को निर्देशित किया जाना चाहिए था।
10वीं कक्षा के बच्चे के बैग का वजन साढ़े चार किलो
कक्षा के अनुसार ही बैग के भार प्रबंधन किया गया। अब 10वीं कक्षा के बच्चे के बैग का वजन साढ़े चार किलो से ज्यादा नहीं होगा। हर तीन महीने में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) स्कूलों में बैग के वजन का औचक निरीक्षण करेंगे। डीईओ हर तीन महीने में अपने जिले के स्कूलों का चयन करके स्कूल बैग के वजन की जांच करेंगे और तय करेंगे कि बैग का वजन निर्धारित सीमा के भीतर है।
इस निर्देश में कहा गया है कि इससे पहले 3 जुलाई 2019 को बैगों के वजन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। राज्य सरकार द्वारा इस आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दृष्टि से स्कूल बैग नीति 2020 लागू की गई है।
वहीं, पेरेंट फेडरेशन का कहना है कि सरकार की मंशा यह नहीं है कि इस नीति का पालन किया जाए। दो लाख स्कूलों के एक करोड़ छात्रों के बैग के वजन का निरीक्षण 52 जिला शिक्षा अधिकारी कैसे करेंगे यह असंभव सी बात है।
विद्यालय में अभ्यास पुस्तिका एवं कार्यपुस्तिका रखने की व्यवस्था की जायेनई बैग नीति में कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा ऐसा टाइम टेबल तैयार किया जाए, जिससे छात्रों को हर दिन सभी किताबें और कॉपी नहीं लाना पड़े।आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए व्यायाम पुस्तकें, कार्यपुस्तिकाएं एवं अन्य आवश्यक सामग्री विद्यालय में ही रखने की व्यवस्था विद्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन समिति द्वारा की जाये।
नई बैग पालिसी गाइडलाइन
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- बैग के वजन में स्कूल डायरी का वजन भी शामिल किया जाए।
- बैग हल्का हो जो कंधों पर आसानी से एडजस्ट हो सके।
- हर स्कूल में नोटिस बोर्ड एवं कक्षा में बस्ते के वजन का चार्ट लगाना होगा।
- इस नियम पालन की कि जिम्मेदारी डीइओ की होगी।
- कक्षा दूसरी तक के बच्चों को होम वर्क नहीं दिया जाएगा।
- माता-पिता से संवाद के लिए शिक्षक डिजिटल माध्यम का प्रयोग करें।
- कक्षा तीसरी से पांचवीं के बच्चों को हर सप्ताह अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जाए।
- कक्षा छठवीं से आठवीं तक प्रतिदिन एक घंटे और नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को प्रतिदिन दो घंटे का होमवर्क दिया जाए।