Bhai Dooj 2022: यमराज ने प्रसन्न हो बहन यमुना को दिया था ये वरदान, तभी से मनायी जाती है भाई दूज
Bhai Dooj Upay 2022 भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। क्या आप जानते हैं कि भाई दूज का पर्व कब से मनाया जा रहा है और उसके पीछे क्या मान्यता और कहानी है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 26 Oct 2022 08:50 AM (IST)
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्क। Bhai Dooj 2022: भाई-बहन का पर्व भाई दूज हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। आप भी अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए हमारा बताया गया उपाय अपना सकती हैं, ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से आपका भाई यमराज के भय से मुक्त हो जाएगा।
भाई दूज की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान सूर्य की माता संज्ञा से दो संतानें हैं। जिनके नाम यमराज और यमुना हैं। जब माता संज्ञा सूर्य के तेज को सहन नहीं कर पाई तो उन्होंने दोनों बच्चों को छाया के हवाले कर दिया। यमराज और यमुना से छाया को ज्यादा लगाव नहीं था। परन्तु यमुना मैया अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थी।यमुना मैया अक्सर अपने भाई यमराज के घर आती-जाती रहती थी और उनके हर दुख-सुख में उनका साथ देते थी। यमुना मैया यमराज को भी अपने घर बुलाती थी लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण वे आ नहीं पाते थे।
बहन यमुना ने किया भाई यमराज का तिलक
एक बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज अचानक अपनी बहन यमुना के घर चले गए। यमराज ने यमुना के घर जाते समय नरक में रहने वाले जीवों को मुक्त कराया था। जब यमराज अपनी बहन यमुना के घर पर पहुंचे तो उनका बहुत सम्मान हुआ। यमुन ने भाई के माथे पर तिलक लगाया और तरह-तरह के व्यंजन बनाकर उन्हें भोजन कराया। यमुना के घर से चलते समय भाई यमराज ने उनसे अपनी इच्छानुसार कोई वर मांगने को कहा।यमराज ने बहन यमुना को दिया वरदान
इस पर यमुना बोली यदि तुम कोई वर देना है तो वरदान दो कि तुम हर साल इस तिथि को मेरे घर आओगे और मेरा सत्कार स्वीकार करोगे। भाई दूज के दिन जो भी आपकी तरह अपनी बहन के घर जाएगा। बहन से टीका लगवाएगा और बहन उसे प्यार से खिलाएं, तो वह आपसे कभी नहीं डरेगा, तब यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि ऐसा होगा।
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- भाई दूज के दिन किसी भूखे को भोजन कराने से यमराज की भी कृपा प्राप्त होती है।
- मान्यता है कि भाई दूज के दिन भाई-बहनों को हो सके तो यमुना में स्नान अवश्य करना चाहिए। यदि संभव न हो तो भाई-बहन अपने ऊपर शुद्ध जल छिड़क सकते हैं।
- इसके बाद बहन भाई को तिलक करके ही भोजन कराएं। यदि किसी कारण से भाई बहन के यहां उपस्थित नहीं होता है तो वह स्वयं चलकर भाई के यहां पहुंच जाएं। तिलक करने के पश्चात ही बहन भाई को पकवान और मिठाई खिलाएं।
- भाई को तिलक करते हुए बहनें ‘गंगा पूजे यमुना को यमि पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्णा को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बड़े’ ऐसा अवश्य कहे।
- इस दिन बहनें शाम को यमराज के नाम से चौमुखी दीपक जलाकर घर के बाहर अवश्य रखें।