Dhar Bhojshala Survey: धार भोजशाला में एएसआई की टीम कर रही सर्वे, पहले दिन मिले थे कई अहम हिंदू चिन्ह
भोजशाला में सर्वे के लिए एएसआई की टीम दूसरे दिन का सर्वे कर रही है। यह प्रक्रिया शनिवार को सुबह 800 बजे से शुरू की जाना थी लेकिन टीम 10 मिनट विलंब से पहुंची है। वैज्ञानिक सर्वे के लिए विशेष रूप से कई तकनीकी उपकरणों को लेकर यह टीम अंदर पहुंची। माना जा रहा है कि आज सर्वे के तहत कहीं महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य किया जाएगा।
जेएनएन, धार। भोजशाला में सर्वे के लिए एएसआई की टीम दूसरे दिन का सर्वे कर रही है। यह प्रक्रिया शनिवार को सुबह 8:00 बजे से शुरू की जाना थी, लेकिन टीम 10 मिनट विलंब से पहुंची है। वैज्ञानिक सर्वे के लिए विशेष रूप से कई तकनीकी उपकरणों को लेकर यह टीम अंदर पहुंची। माना जा रहा है कि आज सर्वे के तहत कहीं महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य किया जाएगा। वही हिंदू संगठन की ओर से गोपाल शर्मा और आशीष गोयल ने भी प्रवेश कर लिया है। जबकि मुस्लिम समाज की ओर से सदर पहुंचे हैं।
#WATCH भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) की एक टीम मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला परिसर पहुंची।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2024
ASI ने कल 22 मार्च को भोजशाला परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू किया। pic.twitter.com/YLO8mHYY0Q
पहले दिन मिले ये चिन्ह
हिंदू पक्ष के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद आशीष गोयल ने बताया कि टीम को हिंदू देवी-देवताओं के चिह्न मिले हैं। इतिहास में वर्णित है कि यह कक्ष गणपति मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्ष के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहे गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला परिसर में ज्ञानवापी की ही तरह एक बावड़ी है। यह मुख्य परिसर से बाहर है, लेकिन 50 मीटर के दायरे में ही है। यहां भी महत्वपूर्ण प्रमाण मिलने की संभावना को देखते हुए टीम बाहरी भाग का निरीक्षण करेगी।
पहले दिन के सर्वे में टीम ने भोजशाला की लंबाई-चौड़ाई और क्षेत्रफल को भी नापा। इसी के साथ ही परिसर में कहां-कहां खोदाई की आवश्यकता है और किन-किन उपकरणों का उपयोग सर्वे में होगा, टीम यह तय करेगी। प्रारंभिक रूप से तीन से अधिक स्थानों पर खोदाई की संभावना बताई है।
सूर्योदय होते ही किया प्रवेश
शुक्रवार को धार में सूर्योदय का समय 6:22 बजे था। 6:23 बजे टीम के प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी, डा.भुवन विक्रम, डा. मनोज कुर्मी सहित उनके करीब 20 से ज्यादा सहायकों की टीम ने परिसर में प्रवेश किया। उन्होंने सबसे पहले परिसर की वास्तु कला को देखा। इसके बाद अभिलेखों और प्रतीक चिह्नों की रिकार्डिंग की। परिसर में मौजूद प्राचीन चिह्नों के साथ दीवारों पर टीम ने मार्किंग की। भोजशाला की दीवारों पर लगे प्राचीन अभिलेखों की जो वीडियो रिकार्डिंग की गई, उनका अनुवाद करवाकर निष्कर्ष निकाला जाएगा।
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