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दिग्विजय सिंह ने CAA को बताया संविधान के खिलाफ, कहा- 'भाजपा का मकसद सिर्फ हिंदू-मुसलमान...'

देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का इस पर बयान सामने आया है। दिग्विजय सिंह ने संविधान के खिलाफ बताया है। साथ ही उन्होंने भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका मकसद सिर्फ हिंदू-मुसलमान करने का रहा है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 12 Mar 2024 01:02 PM (IST)
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दिग्विजय सिंह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भाजपा पर साधा निशाना (फाइल फोटो)
एजेंसी, ग्वालियर। नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होने के बाद विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। इस अधिनियम को सरकार से जोड़ते हुए वह केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव से पहले इस अधिनियम को लागू कर के केंद्र सरकार आम नागरिकों का ध्यान अहम मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।

'अब तक इन्हें किसने रोका था...'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिग्विजय सिंह ने कहा, "इतनी देरी क्यों की गई? और अगर देरी की थी, तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी?" उन्होंने कहा कि CAA कानून कब पारित किया गया? अब तक नियमों को अधिसूचित करने से उन्हें किसने रोका था? यह (सीएए) संवैधानिक रूप से गलत है।

उन्होंने कहा, "2019 में यह अधिनियम आया, तो चार साल से किसने इन्हें रोका हुआ था। नियम चार साल में क्यों नहीं बनाए गए। इनका मकसद हर मुद्दे को सिर्फ हिंदू-मुसलमान में बांटना होता है। संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार है। मेरे मत में CAA भारतीय संविधान के खिलाफ है।"

अमित शाह ने किया पोस्ट

बीते सोमवार को केंद्र ने सीएए को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद कुछ दलों ने इसका समर्थन किया है और कुछ दल इसके खिलाफ होकर इसे असंवैधानिक बता रहे हैं।

अधिनियम लागू होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, "मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।"

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