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Gwalior News: 71 साल की बुजुर्ग ने ठगों से किया समझौता, समाज के विरुद्ध अपराध में FIR क्वैश; पढ़ें क्या है मामला

मध्य प्रदेश में 71 वर्ष की सेवानिवृत्त शिक्षिका आशा भटनागर ने अपराधियों के साथ समझौता कर लिया। दरअसल उनके साथ 51 लाख के साइबर फ्राड का था जहां महिला ने आरोपितों से समझौता कर लिया और हाई कोर्ट ने उन पर लगे सभी आरोपों को खत्म कर दिया। महिला ने कोर्ट में कह दिया कि ठगों ने उनका पैसा वापस कर दिया है इसलिए वह समझौता करना चाहती हैं।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 10 Nov 2024 12:01 PM (IST)
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मध्य प्रदेश में 71 वर्ष की महिला ने फ्रॉड के साथ समझौता किया।(फोटो सोर्स: जागरण)
जेएनएन,ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने हाल ही में एक ऐसे मामले में एफआइआर निरस्त कर दी है, जिस अपराध को ‘समाज के विरुद्घ अपराध’ की श्रेणी में रखा जाता है।

मामला 71 वर्ष की सेवानिवृत्त शिक्षिका आशा भटनागर के साथ हुए 51 लाख के साइबर फ्राड का था , जहां महिला ने आरोपितों से समझौता कर लिया और हाई कोर्ट ने उन पर लगे सभी आरोपों को खत्म कर दिया। महिला ने कोर्ट में कह दिया कि ठगों ने उनका पैसा वापस कर दिया है इसलिए वह समझौता करना चाहती हैं। स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वृद्घ महिला ने ठगों से समझौता कर लिया।

न्यायालय में आने वाले कई मामले ऐसे होते हैं जिन्हें दोनों पक्षों के बीच समझौते के आधार पर खत्म कर दिया जाता है लेकिन कई ऐसे संगीन और समाज के विरुद्घ अपराध होते हैं जिनमें समझौते की गुंजाइश नहीं होती है।

खासतौर पर दुष्कर्म,हत्या,डकैती और साइबर फ्राड सहित ऐसे मामले जिनमें समाज पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं और विधि विशेषज्ञों ने भी साइबर फ्राड के मामले मे समझौता किए जाने की संभावना को नकार दिया है।

यह था मामला

ग्वालियर के मुरार थाना क्षेत्र निवासी 71 वर्षीय महिला आशा भटनागर के साथ 14 मार्च को ठगों ने मुंबई पुलिस के फर्जी अधिकारी बन कर बात की और झूठा मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी देेकर उनसे 51 लाख रुपए ऐंठ लिए। महिला ने बैंक जाकर अपनी एफडी तोड़ कर ठग मीर मुदस्सिर के खाते में 46 लाख रुपये भेजे और आरोपित अक्षय बागड़िया के खाते में पांच लाख रुपये भेजे।

जब महिला को समझ आया कि उसके साथ ठगी हुई है तो महिला ने पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने खोज बीन कर और दबिश देकर 12 आरोपितों को हिरासत में लिया लेकिन उनमें से 11 आरोपितों काे हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर एफआइआर क्वैश कर आरोप मुक्त कर दिया। वहीं अभी आरोपित ठग मीर मुदस्सिर से समझौता नहीं हुआ है।

इन आरोपितों को मिला क्लीनचिट:

-मणिशंकर

-सुनील

-कुणाल जैसवाल

-कांजी भाई

-अक्षय बागड़िया

-कुणाल कोश्ती

-विकाश बिश्नोई

-सोहेल पाखरी

-ध्रुव कुमार

-बंटी

विधि विशेषज्ञ ने दिया सवाल का जवाब

सवाल: समाज के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आने वाले मामलों में समझौते के आधार पर राजीनामा हो सकता है?

जवाब: नहीं, हत्या, लूट, डकैती,दुष्कर्म और साइबर ठगी जैसे जो मामले समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और समाज के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आते हैं उनमें राजीनामा किए जाने की गुजाइश नहीं होती है। -राजेश शुक्ला, क्रिमिनल एडवोकेट, ग्वालियर हाईकोर्ट

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