हाईकोर्ट: सुधार गृह में पता चला आठ महीने की गर्भवती है नाबालिग, अब कमलाराजा अस्पताल में रहेगी
हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान एक अजीब बात सामने आई। एक नाबालिग जो लगभग दो माह पहले प्रेम प्रसंग के चलते घर से कहीं चली गई थी और जिसे बाद में कोर्ट में पेश कर बाल सुधार ग्रह भेज दिया गया था। सुधार ग्रह में जाकर पता चला कि वह आठ माह की गर्भवती है जिसके बाद उसे कहां रखा जाए इस बात को लेकर विचार विमर्श हुआ।
जेएनएन, ग्वालियर। हाईकोर्ट में गुरुवार को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान एक अजीब बात सामने आई। एक नाबालिग जो लगभग दो माह पहले प्रेम प्रसंग के चलते घर से कहीं चली गई थी और जिसे बाद में कोर्ट में पेश कर बाल सुधार ग्रह भेज दिया गया था।
सुधार ग्रह में पता चला कि वह आठ माह की गर्भवती
सुधार ग्रह में जाकर पता चला कि वह आठ माह की गर्भवती है, जिसके बाद उसे कहां रखा जाए इस बात को लेकर विचार विमर्श हुआ। हालांकि उसके स्वजन उसे साथ ले जाने को तैयार थे लेकिन उन्होंने भी नाबालिग के सामने शर्त कर दी थी कि उसे कोर्ट में उस युवक के खिलाफ गवाही देनी होगी, जिसके साथ वह गई थी।
इसके लिए नाबालिग ने इनकार कर दिया। गुरुवार को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान तय हुआ कि उसे कमलाराजा अस्पताल में रखा जाए। कोर्ट के आदेश के पालन में अब उस नाबालिग को उसकी डिलीवरी होने तक कमलाराजा अस्पताल में ही रखा जाएगा।
गुजरात से मिली नाबालिग ने कोर्ट में कहा पिता के साथ जाना है
हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मामले में गुरुवार को लापता नाबालिग को कोर्ट में पेश किया गया। भिंड जिले के रौन के रहने वाले एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर अपनी बेटी के कहीं चले जाने की बात कही थी। मामले की विवेचना के दौरान नाबालिग को गुजरात से दस्तयाब कर शहर लाया गया।
गुरुवार को हुई सुनवाई में जब उसे कोर्ट के समक्ष पेश कर उससे पूछा गया कि उसे किसके साथ रहना है, तब उसने अपने पिता के साथ जाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद नाबालिग को उसके पिता को सौंप दिया गया।
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