MP: मुरैना में दिखा दुर्लभ प्रजाति का इंडियन स्मॉल सिवेट, ग्रमीणों ने माना चीता या तेंदुआ जैसा जीव, वन विभाग भी खा गया गच्चा
मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के बेरई गांव में दुर्लभ प्रजाति का भारतीय कस्तूरी बिलाव (इंडियन स्माल सीवेट) नाम का जीव अपने नवजात बच्चों के साथ दिखा है। जानकारी मिलने के बाद खेत के चारों ओर सुरक्षा के लिए वनकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। ग्रामीणों ने इसे चीता या तेंदुआ जैसा जीव माना सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम भी इसे पहचानने में धोखा खा गई।
जेएनए, मुरैना। मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के बेरई गांव में दुर्लभ प्रजाति का भारतीय कस्तूरी बिलाव (इंडियन स्माल सीवेट) नाम का जीव अपने नवजात बच्चों के साथ दिखा है। जानकारी मिलने के बाद खेत के चारों ओर सुरक्षा के लिए वनकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।
दुर्लभ प्रजाति का यह जीव सबसे पहले 14 जून को बेरई गांव के किसान रामवरण यादव के खेत में दिखा, जब किसान का बेटा बंटी यादव अपने मवेशियों के लिए खेत से चारा काटने गया था। हरे चारे के पौधे के बीच इन जानवरों को देख बंटी डर गया। छोटे बच्चों के बीच बैठे बिल्ली से बड़े आकार के इस जीव के शरीर पर धारियां थीं।
विशेषज्ञों ने की पुष्टि
ग्रामीणों ने इसे चीता या तेंदुआ जैसा जीव माना, सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम भी इसे पहचानने में धोखा खा गई। पहले इसे कवरबिज्जू बताया गया। बाद में जब इन जीवों के फोटो-वीडियो विशेषज्ञों को भेजे गए तब पता चला कि यह दुर्लभ प्रजाति का इंडियन स्मॉल सीवेट है।
डीएफओ स्वरूप दीक्षित ने बताया कि यह जानवर मांसाहारी है, जो सांप, पक्षी, खरगोश जैसे छोटे जंगली जानवरों, चूहों का शिकार करता है। इंसानों पर भी हमला करने से यह पीछे नहीं हटता। चंबल अंचल में किसी रिहायसी बस्ती के पास इस जीव को पहली बार देखा गया है।
ऐसा है इंडियन स्मॉल सीवेट
इंडियन स्मॉल सीवेट विवेरिकुला वंश की प्रजाति का इकलौता जीव है, जो दक्षिणी पूर्वी एशिया और भारत के दक्षिणी हिस्से में बहुत कम संख्या में दिखता है। इसके शरीर पर काले, सफेद, भूरे रंग की धारियां होती हैं। इसके तेज नुकीले पंजे व दांत होते हैं। पंजे व दांतों की पकड़ मजबूत होती है।