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Cyber Fraud: इंदौर में एपल के सीईओ टिम कुक के नाम पर ठगी, आईफोन के लिए ऐप बनाने का लालच देकर डकारे एक करोड़

Cyber ​​Fraud इंदौर में टिम कुक का नाम इस्तेमाल कर लाखों की ठगी होने की बात सामने आई है। आरोप है कि मयंक सलूजा नाम के आरोपी ने ऑस्ट्रेलियन नागरिक पॉल शेफर्ड से एक करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपी ने अकाउंट्स सॉफ्टवेयर और ऐपल कंपनी के गैजेट्स की विशेष एप्लीकेशन बनाने का झांसा देकर शेफर्ड से राशि ऐंठी थी।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 04 Jul 2024 12:15 PM (IST)
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Cyber ​​Fraud in Indore इंदौर में साइबर ठगी।

जेएनएन, इंदौर। इंदौर में साइबर ठगों (Cyber ​​Fraud in Indore) ने एपल के सीईओ टिम कुक को भी नहीं छोड़ा है। मध्य प्रदेश साइबर सेल ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर मयंक सलूजा को गिरफ्तार किया है, जिसने कुक के नाम पर लाखों की ठगी कर दी।

आरोप है कि सलूजा ने ऑस्ट्रेलियन नागरिक पॉल शेफर्ड से एक करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपी ने अकाउंट्स सॉफ्टवेयर और ऐपल कंपनी के गैजेट्स की विशेष एप्लीकेशन बनाने का झांसा देकर शेफर्ड से राशि ऐंठी थी।

वीडियो कॉलिंग ऐप बनाने के नाम पर ठगी

पुलिस की मानें तो उसने वेबसाइट की होस्टिंग भी जब्त कर ली है। एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह के मुताबिक, विक्टोरिया राज्य में रहने वाले पॉल शेफर्ड पेशे से अकाउंटेंट हैं। ग्रीन पार्क कॉलोनी निवासी मयंक सलूजा से वीडियो कॉलिंग एवं कॉन्फ्रेंसिंग वेब ऐप बनाने के संबंध में चर्चा हुई थी।

मयंक ने स्काईप ऐप के माध्यम से कहा कि उसके द्वारा तैयार एप विंडोज पर ही चल रहा है। उसने ऐपल के वेब ब्राउजर (सफारी) आईफोन, आईपैड, मैकबुक के लिए विशेष एप्लीकेशन बनाने का झांसा दिया।

डॉलर में लिए पैसे, कुक के जाली साइन कर दिया कॉन्ट्रैक्ट

मयंक ने शेफर्ड से कई लाख रुपये लिए और कहा कि कोड लेने के लिए ऐपल कंपनी के साथ पार्टनरशिप जरूरी है। टुकड़ों में ऑस्ट्रेलियन डॉलर में राशि लेकर उसने ऐपल कंपनी के सीईओ टिम कुक के जाली हस्ताक्षर कर कॉन्ट्रैक्ट भी मेल कर दिया।

चार साल बाद भी ऐप तैयार न करने पर शेफर्ड ने दोस्त रूपेश शर्मा के माध्यम से अन्नपूर्णा पुलिस को शिकायत की। पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर साइबर सेल को आवेदन भेजा। टीआई दिनेश वर्मा ने वीडियो कॉल के माध्यम से शेफर्ड के कथन लिए और मयंक के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया।

पार्टनरशिप का फर्जी अनुबंध भी तैयार किया 

टीआई के मुताबिक, शेफर्ड ने वेबसाइट का डोमेन स्वयं खरीदा था। आरोपित ने काम करने का झांसा देकर होस्टिंग ट्रांसफर करवा ली। पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेकर वेबसाइट की होस्टिंग कब्जे में ले ली।

स्काईप और ऐपल कंपनी को भी पत्र लिखा गया है। मयंक ने टिम कुक के नाम से एप्पल कंपनी के शेयर खरीदने और पार्टनरशिप करने का फर्जी अनुबंध भी तैयार किया था।

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