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किसकी दुकान, नाम लिखने की मांग, UP-उत्तराखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में भी नेमप्लेट की राजनीति; इस विधायक ने मोहन यादव को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी दुकानों पर दुकानदारों के नाम का बोर्ड लगाने की मांग उठी है। इसे लेकर अब प्रदेश में जमकर सियासत भी हो रही है। इंदौर से भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक लेटर लिखकर पूरे प्रदेश में यही व्यवस्था लागू करने की मांग की है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 20 Jul 2024 08:37 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी दुकानों पर दुकानदारों के नाम का बोर्ड लगाने की मांग उठी है।

जागरण न्यूज नेटवर्क, इंदौर। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर दुकान मालिक के नाम लिखने की जो शुरुआत हुई है, वो अब मध्य प्रदेश में भी ऐसा करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसे लेकर अब सूबे में जमकर सियासत भी हो रही है। इंदौर से भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक लेटर लिखकर पूरे प्रदेश में यही व्यवस्था लागू करने की मांग की है।

भाजपा विधायक ने पत्र में क्या लिखा?

मेंदोला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस आशय का पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम लिखा जाना चाहिए, इस बारे में आदेश जारी किया जाए। हालांकि, मेंदोला ने मांग के पीछे धार्मिक आस्था नहीं, व्यापारिक प्रगति और साख का हवाला दिया है। उनका तर्क है कि हर छोटा-बड़ा व्यक्ति अपना नाम बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करता है।

व्यापारी, कारोबारी व दुकानदार को अपना नाम बताने में गौरव के भाव की अनुभूति हो सके, इसलिए राज्य शासन को स्थायी के साथ चलित दुकान के बाहर भी दुकानदार का नाम लिखना अनिवार्य करना चाहिए। उधर, ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में भी इस मांग ने जोर पकड़ा है।

पहले नगर-निगम भी दे चुका है आदेश

दरअसल, वहां नगर निगम वर्ष 2022 में ही होटल, रेस्त्रां व दुकानों के बोर्ड पर उनके मालिकों का नाम, मोबाइल नंबर हिंदी में लिखने का आदेश दे चुका है। नियम का पालन न करने पर पहली बार दो हजार रुपये और उसके बाद पांच हजार रुपये जुर्माना वसूलने का प्रविधान भी किया गया था। इसका पूर्णत: पालन नहीं हुआ। अब उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल के साथ साधु-संतों ने आयुक्त आशीष पाठक से आदेश का पालन कराने की मांग की है।

महापौर का कहना है कि नीति बनाने के पीछे उद्देश्य व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और पर्यटकों की सुविधा का ख्याल रखना है।

खान-पान की दुकान के बाहर मालिक का नाम, उपनाम, मोबाइल नंबर होना जरूरी है। कई बार होटल का नाम कुछ होता है और मालिक असल में कोई और होता है। इससे पारदर्शिता रहेगी।

महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज, दादूराम आश्रम पीठाधीश्वर, उज्जैन।