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E-Nose Device: IIT इंदौर ने तैयार किया गजब का यंत्र, जहरीली गैसों की निगरानी करेगा ई-नोज डिवाइस

उद्योगों सीवरेज और कोयला खदान में कई बार जहरीली गैसों से बड़े हादसे हुए हैं। पहले इन जहरीली गैसों की निगरानी के लिए यंत्र नहीं था लेकिन अब आईआईटी इंदौर ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जिससे जहरीली गैसों की निगरानी और इस संबंध में अलर्ट जारी किया जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि 20 मीटर के दायरे में गैस लीक होने की सूचना मिल जाएगी।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Tue, 16 Jan 2024 06:04 PM (IST)
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जहरीली गैसों की निगरानी करेगा आईआईटी इंदौर में तैयार हुआ ई-नोज डिवाइस(फोटो- आईआईटी इंदौर)
आदर्श सिंह, इंदौर। उद्योगों, सीवरेज और कोयला खदान में कई बार जहरीली गैसों से बड़े हादसे हुए हैं। भोपाल गैस हादसा भी जहरीली गैस लीक होने से हुआ था। तब इन गैसों की निगरानी के लिए कोई डिवाइस उपलब्ध नहीं थी।

ऐसी ही जहरीली गैसों की निगरानी और इस संबंध में अलर्ट जारी करने वाला ई-नोज डिवाइस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्च स्कालर चंद्रभान पटेल, सुमित चौधरी, विकास वर्मा, रंजन कुमार व मयंक दुबे ने प्रो. शैबाल मुखर्जी के मार्गदर्शन में तैयार किया है। इसे तैयार करने वाली टीम का दावा है कि यह औद्योगिक परिसर के 20 मीटर के दायरे में गैस का रिसाव होने पर सूचित करेगा।

टीम के सदस्य चंद्रभान पटेल ने बताया कि हमने ई-नोज डिवाइस फॉर गैस सेंसर तैयार किया है। यह उद्योगों, कोयला खदान और सीवरेज में मौजूद गैसों की निगरानी करने के लिए तैयार किया गया है। इन तीनों स्थानों पर हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड गैस पाई जाती हैं। गैसों की जब मात्रा निर्धारित मापदंड से अधिक होती तो यह मनुष्य के लिए खतरनाक हो जाती है। इस तरह यह डिवाइस इन स्थानों पर गैसों की मात्रा बढ़ने पर निगरानी रखने में कारगर साबित होगी।

मोबाइल एप से जुड़ा है डिवाइस

उन्होंने बताया कि डिवाइस को एक मोबाइल एप क्वांटेक एल 2 से जोड़ा गया है। इससे गैसों के स्तर की रियल टाइम रिपोर्ट मिलती रहेगी। गैस लीक होने पर मोबाइल एप तुरंत अलर्ट जारी करेगा और उस स्थान पर लगा अलार्म बजने लगेगा। इसके अलावा डिवाइस में लगे जीएसएम द्वारा आपातकाल के लिए दिए गए नंबरों पर तत्काल काल पहुंचेगी और रिकार्डेड वाइस मैसेज चालू हो जाएगा। इस तरह इससे बड़े हादसे टाले जा सकेंगे।

हजार रुपये के भीतर उपलब्ध होगी डिवाइस

यह सेंसर फिलहाल चार गैसों की निगरानी के लिए तैयार किया गया है, लेकिन इसमें अन्य गैस या तापमान मापने के लिए दूसरी डिवाइस को भी जोड़ने की सुविधा दी गई है। इसकी कीमत करीब 15 से 20 हजार रुपये के बीच रहेगी। डिवाइस क्वांटम और आइओटी टेक्नोलाजी से तैयार किया गया है। किसी क्षेत्र विशेष में गैसों के स्तर के साप्ताहिक व महीने भर का डाटा इस डिवाइस में दर्ज रहेगा। इसके आकलन से यह पता किया जा सकेगा कि गैसों का कंस्ट्रेंशन कब-कब बढ़ा है।

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