Indore: भारत के सबसे साफ शहर में हवा बेहद खराब, 400 के पार पहुंचा AQI; गंभीर श्रेणी में वायु गुणवत्ता
Indore मध्य प्रदेश के इंदौर में शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही और एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया जिससे वहां का प्रदुषण एकदम गंभीर श्रेणी में माना गया। शहर के छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में दोपहर में AQI 404 पर आंका गया। विशेषज्ञों ने वायु गुणवत्ता के इस हालत पर पहुंचने के बहुत से कारण बताए हैं जिनमें मुख्य है दीवाली की अतिशबाजी।
पीटीआई, इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर देश के सबसे साफ शहरों में गिना जाता है, लेकिन शुक्रवार को इसकी वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक को पार कर गया। ऐसे में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शहर के छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में दोपहर में AQI 404 पर आंका गया, जबकि PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) का औसत 255.26 दर्ज किया गया। शहर में PM 10 का औसत स्तर 318.08 रहा। छोटी ग्वालटोली शहर का घनी आबादी वाला इलाका है, जहां वाहनों की भारी आवाजाही रहती है।
दीवाली की अतिशबाजी प्रमुख कारण
पर्यावरण विशेषज्ञ और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अधिकारी डॉ. दिलीप वाघेला ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'गुरुवार सुबह से ही शहर में दिवाली की आतिशबाजी शुरू हो गई, जो देर रात तक जारी रही। शुक्रवार को भी कई इलाकों में यही स्थिति बनी रही। शहर में वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का यही मुख्य कारण है।'विशेषज्ञ ने बताया कि शहर की वायु गुणवत्ता आमतौर पर "संतोषजनक" (AQI 51-100) श्रेणी में रहती है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार सुबह 08.30 बजे शहर में हवा की गति शून्य किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। वाघेला ने बताया कि शांत हवाओं के कारण प्रदूषक इधर-उधर नहीं फैल पाए और एक जगह पर जम गए, जिससे शहर में वायु गुणवत्ता और खराब हो गई।
प्रदुषण और सड़क की धूल भी अहम कारण
वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने वाले वैश्विक गठबंधन क्लीन एयर कैटालिस्ट के एक अध्ययन के अनुसार, सामान्य समय में शहर में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए वाहनों से होने वाला प्रदूषण और सड़क की धूल सबसे अधिक योगदानकर्ता (70 प्रतिशत) हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 0 से 50 के बीच का AQI "अच्छा", 51 से 100 "संतोषजनक", 101 से 200 "मध्यम", 201 से 300 "खराब", 301 से 400 "बहुत खराब" और 401 से 500 "गंभीर" माना जाता है।हालांकि, जमीनी स्तर पर इंदौर कचरा प्रबंधन के लिए एक आदर्श शहर रहा है। जनवरी में, इसे केंद्र के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों के तहत लगातार सातवें वर्ष भारत का सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया था।
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