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इंदौर: 'लेडी सिंघम' ने स्टूडेंट बनकर रैगिंग करने वालों का किया खुलासा, छह चढ़े हत्थे

MGM Medical college ragging case पुलिस ने अपने खुफिया टीम को स्टूडेंट बनाकर कॉलेज में भेजा और पांच महीने की मशक्कत के बाद टीम रैगिंग करने वालों तक पहुंची। 24 वर्षीय अंडरकवर पुलिस शालिनी चौहान को पुलिस ने एमजीएम कॉलेज में एक फ्रैशर स्टूडेंट बनाकर भेजा।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashPublished: Mon, 12 Dec 2022 10:10 AM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2022 10:10 AM (IST)
इंदौर: 'लेडी सिंघम' ने स्टूडेंट बनकर रैगिंग करने वालों का किया खुलासा, छह चढ़े हत्थे

इंदौर, जागरण डेस्क। MGM Medical college ragging case: इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में 5 महीने पहले एक रैगिंग का मामला सामने आया था। इस मामले में जब कॉलेज और विश्वविघालय अनुदान आयोग से कोई भी मदद नहीं मिली तब पुलिस ने अपने अंदाज में आरोपियों को पकड़ने का एक प्लान तैयार किया। पुलिस ने अपने खुफिया टीम को स्टूडेंट बनाकर कॉलेज में भेजा और पांच महीने की मशक्कत के बाद टीम रैगिंग करने वालों तक पहुंची।

इंदौर की लेडी सिंघम को फ्रैशर स्टूडेंट बनाकर भेजा गया कॉलेज

जब पुलिस को रैंगिंग की जांच के दौरान कुछ भी हाथ नहीं लगा तो टीम ने एक अलग तरीका अपनाया। 24 वर्षीय अंडरकवर पुलिस शालिनी चौहान को पुलिस ने एमजीएम कॉलेज में एक फ्रैशर स्टूडेंट बनाकर भेजा। इश दौरान शालिनी सबकी नजरों में एक आम फ्रैशर स्टूडेंट बनकर रही और रोज कैंटीन में जाकर वहां मौजूद दूसरे स्टूडेंट से बातचीत करती।

धीरे-धीरे रैंगिंग के बारे में जिक्र करने लगी और इसी में शालिनी ने उन सभी सीनियर्स के नाम का पता लगा लिया जो रैंगिंग में शामिल थे। शालिनी की चालाकी और समझदारी से एमजीएम कॉलेज के 6 डाक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन सभी पर जूनियर के साथ रैंगिंग और तरह-तरह से परेशान करने का आरोप लगा है। पुलिस को उन सभी सीनियर्स छात्रों के नाम पता करने के लिए ऐसा तरीका अपनाना पड़ा था।

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शालिनी चौहान कौन है?

मध्य प्रदेश के देवास जिले के 10,000 की आबादी वाले शहर बागैल की रहने वाली शालिनी चौहान इस समय संयोगितागंज थाने में तैनात है। 24 वर्षीय शालिनी के पिता भी पुलिस थे जिनका निधन वर्ष 2010 में हो गया था। पिता से प्रेरणा लेकर ही शालिनी भी पुलिस फोर्स में भर्ती हुई। शालिनी कॉमर्स ग्रेजुएट हैं और इस केस की जांच करने के लिए वो बिल्कुल एक आम स्टूडेंट की तरह तैयार होकर रोजाना कॉलेज जाती थी।

इस दौरान वो जींस-टॉप पहनकर बैग में किताबें रखकर एक फ्रैशर स्टूडेंट की तरह पेश आती थी। शालिनी रोज कैंटीन में 5 से 6 घंटे का समय बिताती थी और इस दौरान वो कैंटिन में मौजूद सभी छात्रों से हंसी-मजाक के साथ बात करती रहती थीं।

मेडिकल छात्रों ने की थी शिकायत

प्रभारी अधिकारी तहजीब काजी व एसआई सत्यजीत चौहान इस मामले की जांच कर रहे थे। तहजीब काजी के मुताबिक, मेडिकल छात्रों ने यूजीसी को गोपनीय शिकायत भेजी थी। 24 जुलाई को पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर 6 धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने गोपनीय जानकारी जुटाई जिससे पचा चला की रैंगिंग करने वाले सभी आरोपी सीनियर छात्र हैं। जब इसकी खबर आरोपी सीनियर्स को लगी तो उन्होंने पिड़ित जूनियर पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

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पुलिस ने सीनियर छात्रों के डेटा एकत्रित किए

पुलिस ने लालाराम नगर और गीता भवन क्षेत्र में किराए में रह रहे सीनियर छात्रों के डेटा एकत्रित किए। साथ ही कॉलेज के गार्ड और आने-जाने वाले सभी लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने इस मामले में शुभांकर पुत्र विकासचंद्र मिश्रा (पश्चिम बंगाल), प्रियम पुत्र प्रमोद त्रिपाठी (भोपाल), देववृत पुत्र राजेश गुप्ता (दतिया), राहुल पुत्र सत्यनारायण पटेल (छिंदवाड़ा), शैलेष पुत्र हरिचरण शर्मा (उज्जैन) और चेतन पुत्र राकेश वर्मा (उज्जैन) को गिरफ्तार किया है। वहीं चार आरोपित ऋषिराज, उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार और प्रभातसिंह अभी फरार हैं।

ऐसे करते थे जूनियर्स की रैगिंग

पुलिस ने बताया कि सिनियर्स गूगल लोकेशन भेज अपने निजी फ्लैट पर जूनियर्स को बुलाते थे और परेशान करते थे। छात्रों ने इसी डर से सीधा यूजीसी को शिकयत की और मेल के जरिए बताया कि आरोपित सिनियर्स उन्हें प्रताड़ित करते हैं और आपत्तिजनक सामाग्री पर छात्राओं के नाम लिखवाते हैं। सिनियर्स रोजाना जूनियर्स को शेविंग करने के लिए बुलाते थे। बात करते वक्त आँखे नीचे झुका कर रखना पड़ता था। यहां तक की जूनियर्स को तकिय के साथ वक्त गुजारने का दबाव बनाया जाता था। इस मामले को यूजीसी ने गंभीरता से लिया और पुलिस में एफआइआर दर्ज कराया।

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