Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

इंदौर के हिमांशु व कोमल के 'मोशन जिलेटी' ने विश्व की सबसे बड़ी तेल कंपनी के लिए बनाया वायस असिस्टेंट

Indore Startup इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर सपनों को सच कर देने वाला जादुई शहर है। युवा परिश्रम से अपने विचार-बीज को सींचते हैं और चंद महीनों में एक शानदार स्टार्टअप बना देते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 17 May 2022 10:27 AM (IST)
Hero Image
आठ देशों की कंपनियों को ब्रांडिंग से चमका रहा इंदौर का स्टार्टअप

ईश्वर शर्मा, इंदौर: सफल स्वच्छता क्रांति करने के बाद अब इंदौर स्टार्टअप क्रांति की ओर बढ़ चला है। इंदौर स्वयं को देश की 'स्टार्टअप वैली' की तरह तैयार कर रहा है। स्टार्टअप बनाने और सफल होने की संख्या देखकर मध्य प्रदेश ने राज्य की स्टार्टअप नीति बना ली है। इस नीति का शुभारंभ हाल ही में 13 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इंदौर में रहने वाले दंपती हिमांशु व कोमल चतुर्वेदी इसी स्टार्टअप संस्कृति का सशक्त उदाहरण हैं। विश्व के आठ देशों की दिग्गज कंपनियां इनके स्टार्टअप की मदद से अपनी वैश्विक छवि मजबूत करने का काम कर रही हैं। ब्रांडिंग की दुनिया में हिमांशु व कोमल का स्टार्टअप मोशन जिलेटी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

वायस असिस्टेंट बनाकर कमा लिया नाम और दाम: ब्रांडिंग के इस दौर में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा सहित आठ देशों की कई दिग्गज कंपनियों को जब अपनी ब्रांडिंग करनी होती है तो वे इंदौर के स्टार्टअप मोशन जिलेटी की मदद लेती हैं। इंदौर निवासी दंपती हिमांशु व कोमल चतुर्वेदी के दिमाग में ब्रांडिंग स्टार्टअप का आइडिया वर्ष 2015 में आया। दो साल शोध के बाद वर्ष 2017 में शुरुआत की। इनकी कम समय, कम लागत और शानदार क्वालिटी की एनिमेटेड वीडियो ब्रांडिंग ऐसी रही कि वर्ष 2018 में दुनिया की बड़ी तेल कंपनी अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी ने इन्हें अमेजन के एलेक्सा (वायस असिस्टेंट डिवाइस) की तरह अपने लिए मीरा नामक वाइस असिस्टेंट डिजाइन करने को कहा। इंदौरियों ने यह कर दिखाया। इसके बाद तो कई देशों की दिग्गज कंपनियों के आर्डर मिलने लगे। कंपनी की संस्थापक कोमल चतुर्वेदी कहती हैं कि हम अब भारत की ब्रांडिंग दुनिया में करने का हौसला रखते हैं, इसलिए अब भारत की गौरव गाथा कहती 18 से 45 आयु वर्ग के लिए हास्य और हाजिरजवाबी से भरपूर 30-30 सेकंड की कार्टून फिल्में भी बनाएंगे।

गोंद में किया नवोन्मेष: स्टार्टअप की दुनिया में डिजिटल सर्विसेज और इनोवेशन की बहुतायत है, लेकिन एक प्रोडक्ट इनोवेशन भी ध्यान खींचता है। इंदौर निवासी पंकज केसकर व उनकी बहन पल्लवी केसकर ने एक्वाटेक पालिमर्स कंपनी बनाई। दोनों ने ढाई साल तक गहन शोध कर ऐसा इंसुलेशन गोंद तैयार किया, जो भारत में अब तक बनता ही नहीं था। यह खास तरह का रासायनिक गोंद बिजली के ट्रांसफार्मर के आंतरिक पुर्जों को जोडऩे में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। भारत सरकार की दिग्गज कंपनी भेल तक इस गोंद को जर्मनी की दिग्गज कंपनी एलांटास से खरीदती थी, लेकिन पंकज व पल्लवी ने इसे भारत में ही तैयार करने का संकल्प लिया और सफल हुए। इन्होंने भोपाल स्थित भेल को अपना इंसुलेशन गोंद भेजा तो इंजीनियर चकित रह गए। परीक्षणों के बाद जर्मनी की कंपनी के बजाय इंदौर के स्टार्टअप को गोंद आपू्र्ति का आर्डर दिया।

इस तरह तैयार किया माहौल: इंदौर में 700 से अधिक सफल स्टार्टअप हैं। शहर ने निवेश और नवाचार का माहौल भी तैयार किया है। यहां शासन व प्राइवेट सेक्टर ने स्टार्टअप को सहारा देने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर बनाए। स्टार्टअप को आफिस के लिए फ्री जगह देने, आर्थिक मदद देने, पांच वर्ष तक मुफ्त बिजली देने, सफल उद्यमियों से उचित सलाह दिलवाने, मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन देने और इंक्यूबेशन सेंटर के जरिए इकोसिस्टम प्रदान करने की व्यवस्था की गई।

इंदौर ने आखिर यह कमाल किया कैसे: देश में बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, चंडीगढ़ जैसे बड़े शहर हैं, फिर भी स्टार्टअप को लेकर सबसे बेहतर माहौल इंदौर में बनने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंदौर ने कठोर परिश्रम करके स्वयं को इसके लिए तैयार किया है। शहर ने पहले सफाई के मामले में खुद को वैश्विक स्तर का बनाया, फिर नवाचार में आगे बढ़ा। इस तरह इंदौर की जमीन ऐसी उपजाऊ हो गई कि यहां उद्यमशीलता के बीज अब तुरत-फुरत पेड़ बनने लगे हैं। इंदौर में मध्य भारत के सर्वाधिक स्टार्टअप होना और उनमें से अधिकांश का सफल होना इस बात को प्रमाणित करता है।

स्टार्टअप वैली की तैयारी: जिस तरह साफ्टवेयर की दुनिया के लोग अमेरिका की सिलिकान वैली की ओर खिंचे चले जाते हैं, ठीक वैसे ही भारत में स्टार्टअप की दुनिया के खिलाड़ी अब इंदौर की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इंदौर स्वयं को देश की स्टार्टअप वैली की तरह तैयार कर रहा है है। सफल स्टार्टअप केवल पैसा ही नहीं बना रहे बल्कि कुछ मामलों में देश को आत्मनिर्भर बनाने, समाज की सेवा करने जैसे सराहनीय काम भी कर रहे हैं। इन हैं।

इंदौर में जन्मे यूनिकार्न व प्रमुख स्टार्टअप: मप्र की स्टार्टअप नीति बनने के बाद तो वर्ष 2022 खत्म होते-होते इंदौर में स्टार्टअप की संख्या 1,200 तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इंदौर ने अब तक एक यूनिकार्न 7,700 करोड़ रुपये से मूल्यांकन) सहित कई अन्य सफल स्टार्टअप दिए हैं। इनमें शाप किराना, विटिफीड, किसान किराना, चाय सुट्टा बार, मोशन जिलेटी, एक्वाटेक पालिमर्स सहित एक लंबी सूची है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर