इंदौरः सही विषय का चुनाव और अनुशासन से बनता है बेहतर करियर
स्कूल में रहते हुए ही भविष्य में क्या करना है। इसके लिए क्या रास्ता अपनाना है स्पष्ट हो जाना चाहिए। सबसे अहम 11वीं और 12वीं कक्षा होती है।
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्कूल में रहते हुए ही भविष्य में क्या करना है। इसके लिए क्या रास्ता अपनाना है स्पष्ट हो जाना चाहिए। सबसे अहम 11वीं और 12वीं कक्षा होती है। इसमें जिन विषयों का अध्ययन किया जाता है वह अगर रूचि के अनुसार है तो करियर में कभी कोई अड़चन नहीं आ सकती। यह कहना है करियर काउंसलर सचिन भटनागर का। शुक्रवार को अहिल्या आश्रम स्कूल में नईदुनिया माय सिटी, माय प्राइड के तहत सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें करीब 500 छात्राओं को सहीं विषय के चयन के बारे में बताया गया। कई छात्राओं ने सवाल भी किए। काउंसलर का कहना था पढ़ाई के साथ जरूरी है कि जीवन में अनुशासन लाए। इससे बेहतर करियर के रास्ते आसान हो जाते हैं।
बैंकिंग और नर्सिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएंसेमिनार की शुरूआत विषयों के चयन को लेकर हुई। ऑटर्स, कॉमर्स, बायो, केमिस्टी और गणित से संबंधित करियर के बारे में बताया गया। करियर काउंसलर ने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में छात्राओं के लिए काफी संभावनाएं है। 11वीं में जिन छात्राओं कॉमर्स विषय को चुना है वे स्नातक करने के बाद बैकिंग की परीक्षाओं में बैठ सकते हैं। कॉमर्स लेने वाली छात्राओं के लिए यूपीएससी और पीएससी बेहतर है। जिन छात्राओं को पेंटिंग बनाना अच्छा लगता है वे आर्किटेक्चर के क्षेत्र में जा सकती है। मेडिकल सेवाओं में जाने के लिए 11वीं में इससे संबंधित विषयों का चयन महत्वपूर्ण होता है। नर्सिंग में जाने के लिए छात्राएं 12वीं के बाद उच्च शिक्षा ले सकती है।
कानून की पढ़ाई करना छात्राओं के लिए बेहतर होता है। जिन छात्राओं को अपनी पहचान बनानी है वे लॉ और पत्रकारिता विषयों का चयन कर सकती है। देश के कई नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पांच साल का कोर्स होता है। इसके बाद प्रेक्टिस की जा सकती है। इसके आगे जज बनने के लिए भी परीक्षाएं दी जा सकती है। सचिन भटनागर ने बताया कि किसी भी एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने से 45 अन्य परीक्षाओं के रास्ते खुल जाते हैं। कई परीक्षाओं में कॉमन सवाल पूछे जाते हैं। छात्रा रोशनी ने सवाल किया कि वे स्कूल में रहते हुए करियर को बेहतर करने के लिए क्या प्लान करे। इसे लेकर काउंसलर का कहना था कि 11वीं में जो विषय चुना है उसे स्कूल में पढ़ाई के साथ घर पर जाकर रिविजन करे। हर 12 घंटे, तीन दिन और फिर सात दिन में स्कूल में पढ़ाए गए चैप्टर का रिविजन करने की आदत से हमेशा के लिए याद रखा जा सकता है। कार्यक्रम में प्राचार्या सुनिता ठक्कर, शिक्षिका संध्या जैन और शिक्षक वीके पांडे सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।