Move to Jagran APP

इंदौर के ये डॉक्टर दवाइओं से दूर प्रकृति के जरिए दिला रहे रोगों से निजात

सुंदरबाई फूलचंद जी आदर्श शिक्षा संस्थान (एसबीपीएएसएस) के जरिए डॉ. एके जैन लोगों को बिना दवाइयों प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए स्वस्थ्य होने में मदद कर रहे हैं।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 11:16 AM (IST)
इंदौर के ये डॉक्टर दवाइओं से दूर प्रकृति के जरिए दिला रहे रोगों से निजात

नई दुनिया, इंदौर। जब भी कोई नई विधा आती है तो पुरानी विधा स्वभाविक तौर पर लोग भूलने लगते हैं। हमारी प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। एलोपैथी के आते ही लोग नेचुरोपैथी से दूर हो गए, लेकिन अब एक बार फिर लोग स्वास्थ्य के लिए प्रकृति के पास लौट रहे हैं। इस दिशा में कई चिकित्सक महती भूमिका भी निभा रहे हैं। सुंदरबाई फूलचंद जी आदर्श शिक्षा संस्थान (एसबीपीएएसएस) के जरिए डॉ. एके जैन लोगों को बिना दवाइयों प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए स्वस्थ्य होने में मदद कर रहे हैं। इलाज भी सामान्य रोगों का नहीं बल्कि असाध्य रोगों का हो रहा है जिनमें एलोपैथी डॉक्टर हाथ खड़े कर देते हैं। डॉ. जैन ने बताया कि उनके पिता स्व. टीसी जैन एलोपैथी डॉक्टर थे। करीब 25 साल पहले उन्होंने संस्थान की स्थापना की थी। उनका उद्देश्य था कि बीमारी के लोगों को बार-बार दवाएं न लेना पड़े और मरीजों को बीमारी से पूरी तरह निजात मिले। 1996 में मैंने यह सेंटर जॉइन किया।

loksabha election banner

डॉ. जैन ने बताया कि हॉलिस्टिक मेडिसिन में एक्युप्रेशर, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए कई असाध्य बीमारियों का इलाज संभव है। न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर, स्पाइनल डिस्ऑर्डर जैसी बीमारियों में चिकित्सक सर्जरी की सलाह देते हैं। सर्जरी के बाद भी मरीज का ठीक हो पाने की काई गारंटी नहीं होती है। हॉलिस्टिक मेडिसिन ट्रीटमेंट से लोगों को कुछ ही महीनों में फायदा मिलना शुरू हो जाता है। इसके प्रभावों को देखते हुए हमने देशभर में इसके निशुल्क शिविर लगाने की शुरुआत की और 22 सालों में हजारों लोगों को इसका प्रशिक्षण दे चुके हैं। हमारे द्वारा प्रशिक्षित इन लोगों ने स्वरोजगार को चुना और अब ये लोग दूसरे हजारों को इस चिकित्सा पद्धति का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस सप्ताह इंदौर में हम नेचुरोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद के जरिए लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी। डॉ. जैन ने बताया कि हॉलिस्टिक मेडिसिन ऐसी बीमारियों में भी कारगार साबित हुई जिनमें एलोपैथी ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 5 कोमा के मरीजों को इस विधा से ठीक किया है। वे बताते हैं कि हमारी कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा निशुल्क शिविरों के जरिए लोगों को इसके बारे में जागरुक करें। इसके अलावा जो लोग ओपीडी में आते हैं उनसे भी एक नॉमिनल चार्ज ही लिया जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा से साल में 80 से ज्यादा नॉर्मल डिलीवरी
डॉ. जैन ने बताया कि चोइथराम हॉस्पिटल में उनके सहयोग से नेचुरल बर्थ सेंटर की स्थापना की गई है। इसमें योग, एक्युप्रेशर और आहार (प्राकृतिक चिकित्सा) के जरिए बिना सर्जरी के प्राकृतिक रूप से नॉर्मल डिलीवरी कराई जाती है। एक साल में 88 महिलाओं की यहां पर नॉर्मल डिलीवरी हुई है। अब हम अन्य गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देगें जिससे शहर में ज्यादा से ज्यादा नॉर्मल डिलीवरी हों।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.