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ऑनलाइन खाना मंगवाना रिटायर्ड जज को पड़ा भारी, एक लिंक पर किया क्लिक और अकाउंट से कट गए एक लाख रुपये

इंदौर में एक रिटायर्ड जज को ऑनलाइन खाना मंगवाना भारी पड़ गया। उसने भी नहीं सोचा होगा इस तरह गूगल से खाना मंगवाना उसकी लाइफ की सबसे बड़ी गलती बन जाएगी। यह एक ऐसी घटना है जो साइबर अपराध के बढ़ते मामले को दर्शाती है। एक बुजुर्ग शख्स ने स्विगी से खाना मंगवाया था जिसके बाद उन्होंने देखा जब उनका ऑर्डर आ गया तो उन्हें खाने की क्वांटिटी कम लगी।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:43 PM (IST)
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ऑनलाइन खाना मंगवाना रिटायर्ड जज को पड़ा भारी

डिजिटल डेस्क, इंदौर। देश में आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आते रहते हैं। इस बीच इंदौर में एक रिटायर्ड जज को ऑनलाइन खाना मंगवाना भारी पड़ गया। उसने भी नहीं सोचा होगा इस तरह गूगल से खाना मंगवाना उसकी लाइफ की सबसे बड़ी गलती बन जाएगी। यह एक ऐसी घटना है, जो साइबर अपराध के बढ़ते मामले को दर्शाती है।

दरअसल एक बुजुर्ग शख्स ने स्विगी से खाना मंगवाया था, जिसके बाद उन्होंने देखा, जब उनका ऑर्डर आ गया तो उन्हें खाने की क्वांटिटी कम लगी। उन्हें ये नहीं पता था कि ऑर्डर कैसे कैंसिल करते हैं, इसके लिए उन्होंने गूगल पर इसका तरीका खोजा और अनजाने में साइबर अपराधियों से जुड़े एक नंबर पर कॉल कर दी। उन्हें लगा कि ऑर्डर कैंसिल करने के लिए यह एकदम सही कदम है।

साइबर अपराधियों ने दिया लिंक

साइबर अपराधियों की टीम ने इसका फायदा उठाया और उन्हें एक लिंक दिया कहा कि वह उनके निर्देशों का लगातार पालन करते रहें। जिसके बाद उन्होंने उनके द्वारा दिए गए लिंक पर क्लिक किया। उनका ये एक्शन जल्द ही एक बड़ी गलती में बदल गया, उनका अपने फोन से कंट्रोल चला गया। उनका फोन कोई और कंट्रोल करने लगा। इसके बाद उनके फोन पर आया ओटीपी भी दूसरा शख्स देखने लगा।

थोड़ी देर बाद फोन जब ठीक हुआ तब उन्हें पता चला कि उनके खाते से एक लाख रुपए निकाल लिए गए हैं। इसके बाद रिटायर्ड जज ने तुरंत इसकी शिकायत साइबर थाने में कर दी। अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

क्या है जांच का उद्देश्य?

जांच का उद्देश्य इस धोखाधड़ी योजना के पीछे के अपराधियों का पता लगाना है। जैसे-जैसे इंदौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, स्थानीय साइबर पुलिस इन घोटालों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

ये पहली बार नहीं है जो राज्य में इस तरह की ठगी का मामला सामने आया है। इससे पहले भी एक मामले में इंदौर स्थित राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र के विज्ञानी अनिल कुमार डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। इसके बाद साइबर अपराधियों ने अनिल को मानव तस्करी, मनी लांड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार करने की धमकी दी।

अपराधियों ने अनिल और उनकी पत्नी को 7 दिनों तक सर्विलांस पर रखा

साथ ही अपराधियों ने अनिल और उनकी पत्नी को सात दिनों तक न सर्विलांस पर रखा, नकली सीबीआई और ईडी अफसर बनकर वीडियो कॉल पर गहन पूछताछ भी करते रहे।

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