Crime News: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ले ली सरकारी नौकरी, अब खुली पोल तो मिली दस साल की सजा; पढ़ें पूरी कहानी
इंदौर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले आरक्षक को सत्र न्यायालय ने दस वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपित का नाम सत्यनारायण वैष्णव है जो इंदौर का रहने वाला है। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपित वैष्णव ब्राह्मण है लेकिन उसने कोरी जाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की है।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 02 Feb 2024 05:00 AM (IST)
जेएनएन, नई दिल्ली। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले आरक्षक को सत्र न्यायालय ने दस वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपित का नाम सत्यनारायण वैष्णव निवासी लक्ष्मीपुरा कालोनी, इंदौर है।
छह मई 2006 को छोटी ग्वालटोली पुलिस थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक इंदौर कार्यालय से आरक्षक सत्यनारायण द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस सेवा में नौकरी प्राप्त करने के संबंध में जांच के लिए प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था।
जांच में यह बात सामने आई कि आरोपित वैष्णव ब्राह्मण है, लेकिन उसने कोरी जाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की है। यह प्रमाण पत्र सत्यनारायण के शपथ पत्र के आधार पर तहसील कार्यालय इंदौर से जारी हुआ था।
जांच रिपोर्ट के आधार पर सत्यनारायण के खिलाफ छोटी ग्वालटोली पुलिस थाने में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह ने प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपित सत्यनारायण वैष्णव को 10 वर्ष कठोर कारावास और चार हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
पांच वर्षीय बालिका के साथ अश्लील हरकत के दोषी को 20 वर्ष कठोर कारावास
पांच वर्षीय बालिका के साथ अश्लील हरकत के दोषी को विशेष न्यायालय ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़िता को दो लाख रुपये प्रतिकर राशि के रूप में दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है। यह प्रकरण जघन्य एवं चिह्नित प्रकरणों की सूची में शामिल था और इसकी प्रतिमाह समीक्षा भी की जा रही थी।अश्लील हरकत करने वाले आरोपित का नाम परमाल जाटव निवासी शिवपुरी है। जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि वारदात 31 दिसंबर 2019 की है। आरोपित परमाल ने पीड़िता की दादी के यहां कमरा किराए से लिया था। घटना वाले दिन वह अपना सामान कमरे में रखने के लिए गया।
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