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आज सबसे बड़ी जीत और सबसे ज्यादा नोटा का रिकॉर्ड बना सकता है इंदौर, इस लोकसभा सीट को छोड़ सकता है पीछे

मंगलवार को होने वाली लोकसभा चुनाव की मतगणना में इंदौर एक साथ दो रिकॉर्ड बना सकता है। 13 मई को हुए मतदान में इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 60 हजार 293 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस विहीन इस चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का दावा किया जा रहा है। यह जीत देशभर में सबसे बड़ी हो इस बात की भी प्रबल संभावना है।

By Kuldeep Bhawsar Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 04 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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आज सबसे बड़ी जीत और सबसे ज्यादा नोटा का रिकॉर्ड बना सकता है इंदौर
जेएनएन, इंदौर। मंगलवार को होने वाली लोकसभा चुनाव की मतगणना में इंदौर एक साथ दो रिकॉर्ड बना सकता है। 13 मई को हुए मतदान में इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 60 हजार 293 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस विहीन इस चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का दावा किया जा रहा है।

यह जीत देशभर में सबसे बड़ी हो, इस बात की भी प्रबल संभावना है। ऐसा होने पर यह एक रिकार्ड बन जाएगा। दूसरा रिकार्ड नोटा को लेकर बनने की संभावना है। कांग्रेस प्रत्याशी के ऐनवक्त पर नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा का समर्थन करते हुए मतदाताओं से नोटा का बटन दबाने की अपील की थी। ऐसे में इस बात की संभावना है कि लोकसभा की 543 सीटों पर नोटा को सबसे ज्यादा मत इंदौर में मिले और यह गोपालगंज का रिकार्ड तोड़ दे।

दावे से बड़ी हो सकती है भाजपा की जीत

वर्ष 2019 में भाजपा ने इंदौर लोकसभा सीट पर 5.47 लाख मतों से जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में भाजपा को 10 लाख 68 हजार मत प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के खाते में 5.20 लाख मत पड़े थे। इस बार चुनाव में कांग्रेस है ही नहीं, ऐसे में उसकी नोटा का बटन दबाने की अपील कितना असर करेगी यह तो मंगलवार को ही तय होगा, लेकिन इतना तय है कि इन 5.20 मतों में भाजपा सेंध जरूर लगाएगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव से पहले इंदौर लोकसभा सीट पर आठ लाख मतों से जीत का दावा किया था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान से हटने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की जीत आठ लाख से कहीं ज्यादा होगी।

फिलहाल गोपालगंज के नाम है नोटा का रिकॉर्ड

देश में सबसे ज्यादा नोटा का रिकार्ड फिलहाल बिहार के गोपालगंज के नाम है। वर्ष 2019 के चुनाव में यहां 51,660 नोटा पड़े थे। इंदौर इस मामले में इस बार रिकार्ड बना सकता है। इसकी वजह है कि प्रत्याशी विहीन कांग्रेस ने नोटा का बटन दबाने की अपील की थी।

इस बात की संभावना भी है कि कांग्रेस के परंपरागत मतदाताओं ने इस बार नोटा का बटन दबाया हो। इंदौर में 15.60 लाख मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया है। इनमें से अगर 15 प्रतिशत भी नोटा का बटन दबाते हैं तो यह आंकड़ा एक लाख 80 हजार के आसपास पहुंच जाएगा।

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