छिंदवाड़ा के कई नेता भाजपा में शामिल, कमलनाथ को लेकर थम नहीं रही अटकलें; विजयवर्गीय ने दिया यह बड़ा बयान
क्या कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं? अभी भी ऐसा इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि छिंदवाड़ा के कई स्थानीय नेताओं ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। छिंदवाड़ा 77 वर्षीय कमलनाथ का गढ़ है और अब उनके बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद हैं। इस बीच मोहन यादव सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कमलनाथ को लेकर बड़ा बयान भी सामने आया।
पीटीआई, जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को लेकर अटकलों का बाजार थमने का नाम नहीं ले रहा है। भले ही कमलनाथ ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल होने की बात कही हो, लेकिन उनके कई समर्थकों ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। इस बीच, मोहन यादव सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया है।
विजयवर्गीय ने क्या कुछ कहा?
कैलाश विजयवर्गीय उन अटकलों पर पूछे गए सवालों पर टिप्पणी कर रहे थे कि कमलनाथ उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इस पर बुधवार को उन्होंने कहा,
यह भी पढ़ें: क्या कमलनाथ और दिग्विजय की टूटी जोड़ी? पूर्व मुख्यमंत्री ने संभाला मध्य प्रदेश में राहुल की यात्रा का जिम्मामैंने कहा था कि हमारी पार्टी में कमलनाथ की कोई जरूरत नहीं है और इसलिए उनके लिए दरवाजे बंद हैं।
पिछले सप्ताह कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के नई दिल्ली पहुंचने के बाद से ही अटकलें तेज हैं। हालांकि, कमलनाथ के करीबियों में शामिल सज्जन सिंह वर्मा ने उन खबरों का खंडन किया था कि 77 वर्षीय दिग्गज नेता भाजपा में शामिल होंगे।कमलनाथ के अगले राजनीतिक कदम पर सस्पेंस के बीच, उनके गढ़ छिंदवाड़ा जिले से पार्टी के कई स्थानीय नेता बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए।
दिग्विजय पर भी बरसे विजयवर्गीय
भगोड़ो हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में दिग्विजय सिंह की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस नेता और उनके जैसे अन्य लोग निराश थे। उन्होंने कहा,
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी पढ़ें: पिता ने छोड़ी पार्टी तो कांग्रेस ने बेटे से लिया बदला, मुंबई यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से जीशान सिद्दीकी को हटाया सनद रहे कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। इस चुनाव के बाद कमलनाथ ने तकरीबन राजनीति से दूरियां बना लीं और पार्टी ने उनका कद घटाने की भी कोशिश की। कांग्रेस ने जीतू पटवारी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था।वे जानते हैं कि उनका भविष्य अंधकारमय है, क्योंकि उनकी पार्टी के नेता निरर्थक हो गए हैं, इसलिए हताशा में वे कुछ भी कहते हैं।