MP News: सौ रुपये में हो सकेगी स्तन कैंसर की बायोप्सी, अगले महीने शुरू होगा क्लिनिकल ट्रायल
प्रारंभिक स्तर पर स्तन कैंसर की जांच के लिए की जाने वाली सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी (एसएलएनबी) का सस्ता विकल्प खोजने वाले मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज में अब इस पर क्लीनिकल ट्रायल होगा। मेडिकल कॉलेज की अनुसंधान इकाई की कार्यकारी समिति के प्रमुख प्रो. नवनीत सक्सेना के अनुसार सरकार से इसकी अनुमति मिल गई है।
जेएनएन, जबलपुर। प्रारंभिक स्तर पर स्तन कैंसर की जांच के लिए की जाने वाली सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी (एसएलएनबी) का सस्ता विकल्प खोजने वाले मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज में अब इस पर क्लीनिकल ट्रायल होगा। मेडिकल कालेज की अनुसंधान इकाई की कार्यकारी समिति के प्रमुख प्रो. नवनीत सक्सेना के अनुसार सरकार से इसकी अनुमति मिल गई है।
अगले महीने से ट्रायल आरंभ कर दिया जाएगा। ट्रायल सफल हुआ तो बायोप्सी का व्यय सौ रुपये से भी कम होगा, जबकि वर्तमान में प्रचलित तरीके से सरकारी अस्पताल में बायोप्सी व्यय लगभग पांच हजार रुपये और निजी अस्पतालों में 30 हजार रुपये तक है। परीक्षण एक वर्ष तक चलेगा और इसमें नई दिल्ली, पटना, बिलासपुर के एम्स सहित नेपाल और बांग्लादेश के चिकित्सा संस्थान सहभागिता करेंगे।
15 चिकित्सा संस्थानों में यह ट्रायल होगा
उन्होंने बताया कि जबलपुर समेत देश-विदेश में कुल 15 चिकित्सा संस्थानों में यह ट्रायल होगा, नेतृत्व जबलपुर मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ करेंगे। बता दें कि जबलपुर के मेडिकल कालेज में मध्य भारत का अग्रणी एंडोक्राइन सर्जरी सेंटर है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल स्तन कैंसर पर निरंतर बेहतर कार्य कर रहा है। यहां स्तन कैंसर की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा रही है।
कैंसर सर्जरी की लागत में भी कमी आएगी
स्तन, थायराइड और एंडोक्राइन सर्जन डा. संजय कुमार यादव ने बताया कि हम बहुत कम लागत वाली डाई का उपयोग कर एसएलएनबी का मूल्यांकन करेंगे। इससे स्तन कैंसर सर्जरी की लागत में भी कमी आएगी।
सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. पवन अग्रवाल ने कहा कि बायोप्सी की सस्ती तकनीक के विकास को लेकर कालेज में किए गए अनुसंधान को कांग्रेस आफ सर्जरी में फेलोशिप अवार्ड मिल चुका है। इस वर्ष अगस्त में मलेशिया में होने वाली वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ सर्जरी में हमारे चार शोध अध्ययनों का चयन हुआ है।