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देश की अदालतें अब 'इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन' से भी भेजेंगी नोटिस-समन, कोर्ट में बहानेबाजी पर लगेगा ताला

सुप्रीम कोर्ट से लेकर सभी हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतें एक जुलाई 2024 से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन से भी नोटिस-समन भेजेंगी। इस प्रक्रिया में संबंधित आरोपित या पक्षकार के ई-मेल और वाट्सएप सहित अन्य माध्यम शामिल होंगे। यह नवाचार कोर्ट के वर्क कल्चर को स्मार्ट बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। उक्त जानकारी तीन नए कानूनों के विशेषज्ञ अधिवक्ता पुनीत चतुर्वेदी ने दी है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Tue, 04 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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देश की अदालतें अब 'इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन' से भी भेजेंगी नोटिस-समन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जेएनएन, जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट से लेकर सभी हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतें एक जुलाई 2024 से 'इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन' से भी 'नोटिस-समन' भेजेंगी। इस प्रक्रिया में संबंधित आरोपित या पक्षकार के ई-मेल और वाट्सएप सहित अन्य माध्यम शामिल होंगे।

यह नवाचार कोर्ट के वर्क कल्चर को स्मार्ट बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। उक्त जानकारी तीन नए कानूनों के विशेषज्ञ अधिवक्ता पुनीत चतुर्वेदी ने दी, जो जबलपुर व मुंबई सहित कई अन्य अदालतों में अपने व्याख्यानों के जरिए अधिवक्ताओं के विधिक ज्ञान का परिवर्धन करने में जुटे हुए हैं।

बेहतर परिणाम सामने आने की उम्मीद

उन्होंने साफ किया कि भारतीय अदालतें परंपरागत डाक व हमदस्त नोटिस-समन प्रणाली को पूरी तरह समाप्त किए बिना फिलहाल प्रायोगिक रूप में ई-मेल और वाट्सएप सहित अन्य माध्यम से नोटिस-समन इशू व सर्विस करने की दिशा में तत्पर होंगी। कमावेश इसके बेहतर परिणाम सामने आने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस नवाचारी कदम से आरोपित व पक्षकार बहानेबाजी के पुराने तरीके को अदालतों के समक्ष साबित करने में सफल नहीं हो पाएंगे।

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