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Madhya Pradesh: भगवान राम पर आपत्तिजनक पोस्ट करना बिलाल को पड़ा महंगा , HC ने FIR रद करने से किया इनकार

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भगवान राम पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले मोहम्मद बिलाल को राहत देने से इनकार कर दिया है। मोहम्मद बिलाल ने सतना के एक पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 294 153ए 295ए और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1) और 3(2) के तहत उसके खिलाफ दर्ज की गई याचिका को खारिज करने की याचिका दायर की थी।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 05 Oct 2024 12:47 PM (IST)
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मध्य प्रदेश में भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शख्स को नहीं मिली राहत।(फोटो सोर्स: जागरण)

पीटीआई, जबलपुर। भगवान राम और हिंदू समुदाय पर कथित तौर पर आपत्तिजनक इंस्टाग्राम पोस्ट करने वाले एक शख्स (मोहम्मद बिलाल) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने उसके खिलफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

मोहम्मद बिलाल ने सतना के एक पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 294, 153ए, 295ए और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धार 3(1) और 3(2) के तहत उसके खिलाफ दर्ज की गई याचिका को खारिज करने की याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने क्या कहा?

बिलाल ने कोर्ट में सफाई देते हुए कहा था कि किसी ने उसका इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर लिया था और फिर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड कर दिया गया। हालांकि, जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल जज बेंच ने कहा," "एफआईआर से यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर आपत्तिजनक पोस्ट क्यों अपलोड की गई है। फिर यह समझाने के बजाय कि उक्त पोस्ट किसी और ने उसके अकाउंट को हैक करके अपलोड की थी, उसने (याचिकाकर्ता) शिकायतकर्ता को गाली देना और अपमानित करना शुरू कर दिया और उसकी धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई।"

पिछले महीने के हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था, "याचिकाकर्ता का यह आचरण दर्शाता है कि किसी और द्वारा उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने का बचाव गलत है। चूंकि याचिकाकर्ता ने खुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने की बात स्वीकार की है, इसलिए उसे उस तरह से प्रतिक्रिया करने का कोई अधिकार नहीं था, जैसा कि शिकायतकर्ता के साथ किया गया।"

न्यायाधीश ने कहा कि एफआईआर में लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं, इस पर इस समय विचार नहीं किया जा सकता। वहीं, इस मामले में हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनता। 

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