Move to Jagran APP

MP News: 'EWS आरक्षण का लाभ केवल सामान्य वर्ग को ही क्यों', जनहित याचिका की सुनवाई में बोला राज्य हाई कोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि जब गरीब जनता प्रत्येक वर्ग व जाति में है तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण का लाभ केवल सामान्य वर्ग को ही क्यों दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव सहित इन्हें नोटिस जारी किया गया है।

By Jagran News Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 18 Feb 2024 07:11 AM (IST)
Hero Image
EWS आरक्षण पर जनहित याचिका की सुनवाई में राज्य हाई कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)
जेएनएन, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि जब गरीब जनता प्रत्येक वर्ग व जाति में है तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS Reservation) के आरक्षण का लाभ केवल सामान्य वर्ग को ही क्यों दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव और केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर याचिका में उठाए सवाल पर आठ सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

इन्होंने रखा अपना पक्ष

एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस के सचिव राम गिरीश वर्मा की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने इस आरक्षण नियम की संवैधानिकता को चुनौती दी।

उन्होंने कहा कि यह नीति संविधान के अनुच्छेद 15(6) एवं 16(6) से असंगत है। इस नीति में ओबीसी, एससी व एसटी को पूरी तरह से वंचित किया गया है। यह आरक्षण संविधान की मूल भावना के विपरीत है।

संविधान के 103वें प्राविधान की दी गई दलील

दलील दी गई कि संविधान के 103वें संशोधन में प्रत्येक वर्ग के गरीबों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिए जाने का प्राविधान किया गया है। याचिका में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम को अब तक किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।