Jhabua News: एक ही परिवार के आठ सदस्यों की हुई घर वापसी, बोले - भटक गए थे, अब आनंद आ रहा है
विहिप के धर्म प्रसार प्रमुख आजाद प्रेमसिंह ने बताया कि सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आए तो इससे अच्छा कुछ नहीं होता। अपनी सभ्यता व संस्कार इन्हें हमेशा याद आते हैं। थोड़े से प्रयास करने पर ही वे फिर सनातन धर्म को अपना लेते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 29 Mar 2023 04:29 AM (IST)
झाबुआ जेएनएन। गांव धामंदा के एक परिवार के आठ लोगों ने मंगलवार को घर वापसी की। स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रलोभन में ये लोग नौ वर्ष पहले ईसाई बन गए थे। संत कमल महाराज व धर्म प्रसार विभाग के राकेश डामोर आदि की प्रेरणा से वापस सनातन धर्म में लौट आए। मतांतरण जिले की यह गंभीर सामाजिक समस्या है। इसे देखते हुए हिंदू संगठन विशेषकर विहिप घर वापसी अभियान चला रही है।
घर वापसी करने सभी ग्रामीण गांव कोकावद के महादेव धाम आए। यहां उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की। संत कमल ने सभी को पूजा करवाई। इसके बाद हवन हुआ। जनजातीय क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा दे चुके संत खूमसिंह महाराज की प्रतिमा पर नमन किया और सनातन धर्म स्वीकार किया।
भटक गए थे
विहिप के धर्म प्रसार प्रमुख आजाद प्रेमसिंह ने बताया कि सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आए तो इससे अच्छा कुछ नहीं होता। भोलेभाले आदिवासियों को झूठे प्रलोभन देकर मतांतरित करवा लिया जाता है, लेकिन वे अपनी जड़ों से दूर होकर सुखद महसूस नहीं करते। अपनी सभ्यता व संस्कार इन्हें हमेशा याद आते हैं। थोड़े से प्रयास करने पर ही वे फिर सनातन धर्म को अपना लेते हैं।
184 ग्रामीणों ने घर वापसी की थी
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में कल्याणपुरा क्षेत्र के 184 ग्रामीणों ने एक साथ घर वापसी की थी। सभी ने पूजा-अर्चना करते हुए सनातन धर्म को अंगीकार किया था। इसके बाद कोकावद में दो ग्रामीणों ने पहुंचकर सनातन धर्म स्वीकार किया। अब आठ ग्रामीण आगे आए हैं। इस तरह से एक साल में 194 ग्रामीणों ने घर वापसी की है।अपनी सभ्यता व संस्कृति याद आ रही थी
कैलाश पुत्र हेमराज, शुकली पत्नी कैलाश, दुर्गेश पुत्र कैलाश ने बताया कि नौ वर्ष पूर्व घर में बीमारी थी। हमें कहा गया कि ईसाई धर्म अपना लो स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। हम प्रलोभन में आकर ईसाई बन गए, लेकिन अपनी सभ्यता व संस्कृति याद आ रही थी। हमें समझ में आ गया कि सनातन धर्म ही सच्चा है, इसलिए घर वापसी की है। अब काफी अच्छा लग रहा है। इनके अलावा गोविंद पुत्र कैलाश, काली पुत्री कैलाश, मुकेश पुत्र कैलाश, मोनिका पुत्री कैलाश व अभिषेक पुत्र दुर्गेश ने घर वापसी की है। ये सभी एक ही परिवार के हैं।
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