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आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का 18 सितंबर को होगा अनावरण, अद्वैत वेदांत के दर्शन का संदेश देगा 'एकात्म धाम'

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा खंडवा के ओंकारेश्वर में स्थित ओंकार पर्वत पर अद्भुत और अलौकिक आध्यात्मिक लोक एकात्म धाम का निर्माण किया जा रहा है। सनातन धर्म के पुनरुद्धारक सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Wed, 13 Sep 2023 12:14 PM (IST)
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यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य बाल स्वरूप में हैं।
खंडवा, डिजिटल टीम। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा खंडवा के ओंकारेश्वर में स्थित ओंकार पर्वत पर अद्भुत और अलौकिक आध्यात्मिक लोक 'एकात्म धाम' का निर्माण किया जा रहा है। सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस प्रकल्प के प्रथम ऐतिहासिक चरण के रूप में 18 सितंबर को एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण होने वाला है। यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य बाल स्वरूप में हैं।

इस प्रकल्प के अंतर्गत भव्य और दिव्य 'एकात्म धाम' के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची 'एकात्मता की प्रतिमा', 'अद्वैत लोक' नाम का एक संग्रहालय तथा आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना की जा रही है।

एकात्म धाम के बारे में बताते हुए मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एकता और आध्यात्मिक ज्ञान के वैश्विक केंद्र ओंकारेश्वर आचार्य शंकर की शिक्षाओं का केंद्र होगा। यहां पर उनकी 108 फीट की प्रतिमा, अद्वैत वेदांत को समर्पित एक संग्रहालय होगा। इसके साथ ही गहन अध्ययन और चिंतन के लिए शोध संस्थान का निर्माण कराया जा रहा है।

ओंकारेश्वर आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि है यही उनको अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। इस प्रतिमा का निर्माण एलएनटी कंपनी द्वारा किया जा रहा है।

यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान राम पुर द्वारा उकेरी गई है। मूर्ति हेतु बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार वासुदेव कामत द्वारा वर्ष 2018 में बनाया गया था मूर्ति निर्माण हेतु वर्ष 2017-18 में संपूर्ण मध्य प्रदेश में एकात्म यात्रा निकाली गई थी जिसके माध्यम से 27,000 ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण हेतु धातु संग्रहण वजनजागरण का अभियान चलाया गया था।

शंकर संग्रहालय के अंतर्गत आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन धर्म पर विभिन्न वीथिकाएँ, दीर्घाएँ, लेजर लाइट वॉटर साउंड शो, आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म, सृष्टि नाम का अद्वैत व्याख्या केंद्र, एक अद्वैत नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र, शंकर कलाग्राम आदि प्रमुख आकर्षण रहेंगे। आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान के अंतर्गत दर्शन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा कला पर केंद्रित चार शोध केंद्रों के अलावा ग्रंथालय, विस्तार केंद्र तथा एक पारंपरिक गुरुकुल भी होगा।

संपूर्ण निर्माण पारंपरिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली में किया जा रहा है। यह प्रकल्प पर्यावरण अनुकूल होगा। अद्वैत लोक के साथ ही 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन नाम का एक सघन वन विकसित किया जा रहा है।

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