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MP वनरक्षक भर्ती दौड़ में दिखी 'खरगोश-कछुए' की कहानी, नींद के कारण गई सरकारी नौकरी

इस भर्ती परीक्षा में विभिन्न जिलों के 63 युवा शामिल हुए थे। इस परीक्षा में ग्वालियर निवासी अभ्यर्थी पहाड़ सिंह के साथ पंचतंत्र की खरगोश-कछुए की दौड़ वाली कहानी घटित हो गई। जिसके बाद उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 30 Mar 2023 02:41 AM (IST)
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MP वनरक्षक भर्ती दौड़ में दिखी 'खरगोश-कछुए' की कहानी, नींद के कारण गई सरकारी नौकरी

खंडवा, जेएनएन। बचपन में खरगोश और कछुए के बीच दौड़ की कहानी आपने जरूर पढ़ी या सुनी होगी। तेजी से दौड़ने वाला खरगोश अति आत्मविश्वास के कारण कछुए से हार गया था। कुछ ऐसी ही कहानी एमपी वनरक्षक भर्ती परीक्षा दौड़ में देखने को मिली। जिसके कारण दौड़ में सबसे आगे रहने के बाद कुछ पल के आराम के चलते उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा।

जानकारी के अनुसार खंडवा वन संभाग में 38 वनरक्षक के पदों के लिए मंगलवार को सिविल लाइन स्थित केंद्रीय विद्यालय के सामने सुबह छह बजे दौड़ शुरू कराई। इस भर्ती परीक्षा में विभिन्न जिलों के 63 युवा शामिल हुए थे। इस परीक्षा में ग्वालियर निवासी अभ्यर्थी पहाड़ सिंह के साथ पंचतंत्र की खरगोश-कछुए की दौड़ वाली कहानी घटित हो गई।

चार घंटे में 25 किलोमीटर का सफर तय करने की प्रतियोगिता में पहाड़ सिंह ने पैदल चाल के बजाय दौड़ कर 80 प्रतिशत सफर पूरा कर लिया। अन्य अभ्यर्थियों से वह काफी आगे निकल आया। इसकी वजह यह भी रही कि वह सेना भर्ती के लिए पहले से तैयारी कर रहा था। सबसे आगे निकलने के बाद उसने सोचा कि थोड़ा आराम कर लेते हैं। इस बीच उसे नींद आ गई और वह भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गया।

वनरक्षक के लिए बैगा, सहरिया, भारिया अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए विशेष भर्ती अभियान चल रहा है। इसकी शारीरिक परीक्षा अंतर्गत पैदल चाल में 63 युवक-युवतियां शामिल हुए थे। दौड़ खत्म होने के काफी समय बाद भी युवक के नहीं लौटने पर तलाश के दौरान वह सड़क किनारे सोता मिला। (विनोद वर्मा, उप संभागीय अधिकारी (वन), खंडवा)

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