डिप्टी कलेक्टर ने फटकारा, बोले-छात्राओं को बरगलाना ठीक नहीं, अगर कुछ हो जाता तो कौन होता जिम्मेदार?
साइकिल की मांग को लेकर जनसुनवाई में पहुंची थी शिवपुरी की ग्राम पंचायत सेंव़़ढा के हाई स्कूल की छात्राएं। साथ पहुंचे अभिभावकों ने एफआइआर की धमकी पर जताई नाराजगी। छात्राओं के अनुसार सरकार की योजना से मिलने वाली साइकिलें उन्हें नहीं मिली। उन्हें 2 किमी पैदल स्कूल जाना पड़ता है।
By Jagran NewsEdited By: Vijay KumarUpdated: Tue, 04 Oct 2022 10:51 PM (IST)
शिवपुरी, डिजिटल डेस्क। जनसुनवाई के समय माहौल उस समय गर्मा गया जब डिप्टी कलेक्टर ने शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं और उनके साथ पहुंचे अभिभावकों को डरा-धमका कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी दे डाली। एक तरफ छात्राओं का कहना था कि सरकार की योजना से मिलने वाली साइकिलें उन्हें नहीं मिली हैं। ऐसे में उन्हें करीब दो किमी की दूरी तय करके पैदल ही स्कूल जाना प़़डता है। यह सुनते ही डिप्टी कलेक्टर भड़क गए और अपने अधीनस्थों को आदेश दिया कि इन्हें एसपी के यहां भिजवाओ। यह दृश्य देख कर छात्राएं डर गईं। इसके बाद छात्राओं से विरोध शुरू कर दिया। जिस पर डिप्टी कलेक्टर ने छात्राओं का आवेदन लेकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया।
54 छात्राएं अभिभावकों के साथ पहुंची थी जनसुनवाई में दरअसल शिवपुरी की ग्राम पंचायत सेंव़़ढा के हाई स्कूल में प़़ढने वाली लगभग 54 छात्राएं मंगलवार को अभिभावकों के साथ साइकिल की मांग करने जनसुनवाई में पहुंचीं। वहां डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता ने उनकी मांग सुनने के दौरान उन्हें फटकारा। साथ आए अभिभावकों को एफआइआर दर्ज कराने की धमकी दी। इस बात को लेकर अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अगर किसी बच्चे का एक्सीडेंट हो जाता? जिम्मेदार कौन?वहीं इस मामले में डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता का कहना है कि एक एनजीओ और उनके अभिभावक सहित कुछ लोग बच्चों को बरगलाकर यहां लाए थे। इसकी जांच की जा रही है, एफआइआर की बात तो उनसे पूछने के लिए कही थी। वे इतने सारे बच्चों को लेकर आए थे। अगर किसी बच्चे का एक्सीडेंट हो जाता या फिर कोई और घटना घटित हो जाती तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होता? वे अकेले आकर भी तो बात कर सकते थे।
छात्राओं ने चाइल्ड लाइन को भी दर्ज कराई थी शिकायतछात्राओं ने इस मामले में चाइल्ड लाइन को भी शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर वहां से भी उन्हें सलाह दी गई थी कि वह अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाएं। इस कारण भी अभिभावक छात्राओं को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे।
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