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MP News: नवोदय की छात्रा ने बाथरूम में लगाई फांसी, किस वजह से लिया ऐसा फैसला?

मध्य प्रदेश के खंडवा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक 18 साल की नवोदय की छात्रा ने बाथरूम में फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि सुबह 7 बजे जब वह नहाने के लिए हॉस्टल के बाथरूम में गई थी उसी वक्त इस कदम को उठाया। पुलिस को अभी मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं प्राप्त हुआ है।

By Agency Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Thu, 21 Nov 2024 06:23 PM (IST)
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नवोदय की छात्रा ने बाथरूम में लगाई फांसी (सांकेतिक तस्वीर)
पीटीआई, खंडवा। MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। खंडवा जिले के नवोदय विद्यालय की 18 वर्षीय छात्रा ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। कथित तौर पर इस छात्रा ने हॉस्टल के बाथरूम में फांसी लगाई।

बाथरूम में छात्रा ने की आत्महत्या!

दरअसल, पंधाना कस्बे नें स्थित नवोदय विद्यालय परिसर के छात्रावास में सुबह करीब सात बजे किशोरी नहाने गई थी। इसके बाद वह काफी देर तक बाथरूम से बाहर नहीं निकली। परेशान होकर उसके दोस्तों ने दरवाजा खटखटाया, बावजूद इसके कोई आवाज नहीं आई। जब कुछ छात्राओं को शक हुआ तब उन्होंने बाथरूम में लगे वेंटिलेटर से अंदर देखा और पाया कि छात्रा की शरीर कपड़े के टुकड़े से लटक रही है।

घटना की जानकारी छात्राओं ने तुरंत शिक्षकों को दी। इसके बाद बाथरुम का दरवाजा तोड़कर शिक्षकों और छात्रों ने किशोरी को नीचे उतारा और उसे अस्पताल ले गए। अस्पताल में चिकित्सकों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दी ये जानकारी

मामले की जांच करने मौके पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कक्षा 12वीं की छात्रा ने यह कदम क्यों उठाया। पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

परिवार के सदस्यों को दी गई जानकारी

गौरतलब है कि नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कला संकाय की छात्रा लखनपुर गांव की रहने वाली थी। घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। परिवार के सदस्यों को इस बात की सूचना दे दी गई है। परिवार के सदस्य पंधाना पहुंचे है।

बता दें कि 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की परिकल्पना की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था कि ग्रामीण प्रतिभाओं को सामने लाया जा सके। सीबीएसई से संबद्ध ये स्कूल कक्षा छह से बारह तक के प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त आवासीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करतें है।

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