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MP News: ग्यारह दिन बाद आज से खुलेंगी मंडियां, कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री होगी शुरू; प्याज की 300 ट्रॉलियां पहुंचीं

सोमवार को मंडियों में मुहूर्त के सौदे कर कारोबार की शुरूआत की जाएगी। व्यापारी व किसान मुहूर्त में सौदा करने को बेहतर खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। व्यापारियों का कहना है कि शुभ मुहूर्त में सौदा करने से वर्ष भर बेहतर व्यापार रहता है। इसलिए व्यापारी ऊंची बोली लगाकर मुहूर्त के सौदे करते हैं। वहीं हर किसान चाहता है कि पहले उसकी फसल मुहूर्त में बिके।

By arif qureshiEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 20 Nov 2023 06:55 AM (IST)
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11 दिन के अवकाश के बाद कृषि उपज मंडियां आज खुलेंगी
जेएनएन, रतलाम। दीपावली व चुनाव के चलते 11 दिन के अवकाश के बाद कृषि उपज मंडियां पर 20 नवंबर से खुलेगी। मंडियां खुलने के साथ ही कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री शुरू हो जाएगी।

हर वर्ष की तरह पहले महू रोड स्थित कृषि उपज मंडी परिसर में स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में व्यापारी, किसान आदि आरती करेंगे, वहीं पावर हाउस रोड स्थित पुरानी कृषि मंडी में कांटे वाले बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाई जाएगी। इसके बाद दोनों मंडियों में कारोबार के उज्जवल भविष्य को लेकर मुहूर्त के सौदे कर नीलामी शुरू की जाएगी।

आठ नवंबर से दीपावली का पांच दिन का अवकाश था इसके बाद 17 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने से अवकाश था। मंडी लाभ पंचमी पर 18 नवंबर को खुलना थी, लेकिन चुनाव के चलते अधिकारियों व कर्मचारियों के चुनाव में ड्यूटी में लगे होने से उस दिन भी अवकाश रखा गया था।

19 नवंबर को रविवार का अवकाश होने से सोमवार को मंडियों में मुहूर्त के सौदे कर कारोबार की शुरूआत की जाएगी। व्यापारी व किसान मुहूर्त में सौदा करने को बेहतर, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। व्यापारियों का कहना है कि शुभ मुहूर्त में सौदा करने से वर्ष भर बेहतर व्यापार रहता है।

इसलिए व्यापारी ऊंची बोली लगाकर मुहूर्त के सौदे करते हैं। वहीं हर किसान चाहता है कि पहले उसकी फसल मुहूर्त में बिके। इसके लिए किसान पांच-सात दिन पहले से आकर अपनी उपज से भरी ट्राली, बैलगाड़ी या अन्य वाहन लाकर पहले नंबर पर लगाता है। पहले नंबर वाले वाहन की ही उपज मुहूर्त में खरीदी जाती है। उपज बेचने वाले किसान व खरीदने वाले व्यापारी का मंडी समिति द्वारा साफा बांधकर व श्रीफल भेंट कर सम्मान किया जाता है।

दाम स्थिर रहने की संभावना

मंडी में रविवार रात दस बजे तक सोयाबीन की पचास से अधिक तो प्याज की 300 से अधिक ट्रालियां व अन्य वाहन लेकर किसान मंडी पहुंच चुके थे। गेहूं के 25 से अधिक, लहसुन के 50 से अधिक व चने के पांच से अधिक वाहन मंडी में आए।

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आठ नवंबर को मंडी होने वाले दिन गेहूं की 4916 बोरी की आवक हुई थी और दाम 2529 से 3200 रुपये क्विंटल रहे थे। वहीं सोयाबीन की 7364 क्विंटल की आवक हुई थी और दाम 3610 से 5901 रुपये क्विटंल रहे थे। उधर, प्याज करीब 13500 क्विटंल तो लहसुन करीब 8500 क्विंटल बिकने आया था। प्याज 1617 से 4150 रुपये क्विंटल तो लहसुन 1501 से 22200 रुपये क्विंटल बिका था।

व्यापारियों के अनुसार सभी जिंसों के दामों में आंशिक कमी या तेजी रहेगी। एक तरह से दाम स्थिर रहेगे। राजस्थान, गुजरात व मध्यप्रदेश के कई जिलों में नई प्याज की आवक शुरू हो गई है, इसलिए दाम बढ़ने की संभावना कम है। वहीं सोयाबीन किसानों द्वारा स्टाक भी किया जा रहा है, इस कारण आवक ज्यादा नहीं हो रही है। मिलों की भी खरीदी चल रही है। दामों में स्थिरता बनी रहने के आसार हैं।

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