लड़की के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। वह अर्धनग्न अवस्था में थी। घटना का खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ। यह घटना 26 सितंबर के पहले की बताई जा रही है।
दांडी आश्रम के समीप मिली पीड़िता
मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता वडनगर रोड पर मुरलीपुरा से आगे दांडी आश्रम के समीप मिली थी। उसके कपड़े खून से सने हुए थे। बच्ची करीब आठ किमी तक पैदल चली। उसने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, किसी ने उसकी मदद नहीं की। दांडी आश्रम पर रहने वाले राहुल शर्मा ने पीड़िता से बात की और डायल 100 को मामले की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
यह भी पढ़ें: उज्जैन दुष्कर्म मामलाः मुख्य आरोपी ने की भागने की कोशिश, गिरकर हुआ चोटिल; दो पुलिसकर्मी भी घायल
'बच्ची की आंख सूजी हुई थी'
बच्ची की मदद करने वाले पुजारी राहुल शर्मा ने बताया कि मैंने बच्ची को देखा तो उसके शरीर से खून बह रहा था। उसने नीचे वस्त्र धारण नहीं किया हुआ था। मैंने उसे तन ढकने के लिए कपड़ा दिया। इसके बाद मैंने उसे अपना मोबाइल दिया और कहा कि अपने माता-पिता का नंबर याद हो तो फोन कर लो। उसकी आंखें सूजी हुई थी। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे माता-पिता कहां है, तुम किसके साथ यहां आई हो, तुम्हारी यह दुर्दशा किसने की, लेकिन वह बच्ची कुछ भी बताने में असमर्थ रही।
यह भी पढ़ें: Ujjain: 'ऐसे अपराधियों के शरीर को चील-कौवों को खिलाना चाहिए', उज्जैन दुष्कर्म कांड पर बोलीं मंत्री उषा ठाकुर
उज्जैन के एसपी ने क्या कहा?
उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया था कि महाकाल थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल में मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पीड़िता की हालात गंभीर होने के कारण उसे इंदौर रेफर कर दिया गया है।
सतना जिले की रहने वाली है बच्ची
बताया जाता है कि बच्ची सतना जिले की रहने वाली है। वह 23 सितंबर को घर से स्कूल के लिए निकली थी। उसके बाद से लापता हो गई। जिले के जैतवारा पुलिस स्टेशन में 25 सितंबर को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।
पांच ऑटोचालक हिरासत में
पुलिस ने मामले में पांच ऑटोचालकों को हिरासत में लिया है। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि यह बच्ची पांचों ऑटोचालकों के संपर्क में आई थी।
सतना से अकेले उज्जैन आई थी बच्ची
एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि नाबालिग लड़की सोमवार (25 सितंबर) तड़के साढ़े तीन बजे बस से उज्जैन आई थी। अभी तक की जो जांच हुई है, उससे पता चला है कि वह अकेले ही आई थी। उसके साथ में कोई नहीं था। हालांकि, अभी मामले की जांच चल रही है।
बच्ची को इंदौर किया गया रेफर
मिली जानकारी के मुताबिक, बच्ची को पहले उज्जैन के चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालात गंभीर होने के बाद उसे इंदौर रेफर कर दिया गया। हालांकि, अब वह खतरे से बाहर है।
संदिग्ध ऑटोचालकों को पुलिस ने हिरासत में लिया
पुलिस ने मामले की जब जांच शुरू की तो उसके हाथ एक ऑटो का नंबर लगा। इस आधार पर पुलिस ने नीलंगाग पुलिस स्टेशन एरिया के शांति नगर के रहने वाले राकेश को हिरासत में ले लिया। राकेश ऑटोचालक है। इसके बाद पुलिस ने 28 सितंबर को चार और चालकों को हिरासत में लिया। ये सभी बच्ची को घुमाए थे।
कक्षा आठ में पढ़ती है मासूम
बताया जाता है कि बच्ची की मां 10 साल पहले घर छोड़ चली गई थी। उसके पिता भी मानसिक रूप से बीमार रहते हैं। बच्ची अब अपने बड़े भाई और दादा के साथ रहती है। वह जैतवारा क्षेत्र के ही एक स्कूल में पढ़ती है। वह इस समय कक्षा आठ में है।
पुलिस ने 72 घंटे में खंगाले 1000 सीसीटीवी फुटेज
मिली जानकारी के मुताबिक, एसआईटी ने 72 घंटे तक सड़कों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर लगे एक हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे। इसके बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका। आरोपी को सजा दिलाने के लिए एफएसएल और डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।
भरत सोनी ने कुबूला अपना जुर्म
पुलिस ने मामले को लेकर कई लोगों और ऑटो ड्राइवरों से पूछताछ की। इसी दौरान पता चला कि भरत सोनी नाम का ऑटोचालक बच्ची को अपने साथ लेकर गया हुआ था। जब भरत से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
काफी संवेदनशील है मामला
एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि यह मामला काफी संवेदनशील है। इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि महाकाल महालोक बनने के बाद शहर में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की संख्या बढ़ गई है। इन सभी का अब डेटाबेस बनाया जाएगा। इसके अलावा, सभी चालकों के लिए चरित्र प्रमाण भी जरूरी किया जाएगा।
'आपराधिक प्रवृत्ति के चालक नहीं चला सकेंगे वाहन'
एसपी ने कहा कि जो आपराधिक प्रवृत्ति के वाहन चालक हैं, वे वाहन नहीं चला पाएंगे। सभी चालकों को यह निर्देश दिया जाएगा कि अगर उन्हें रात में अकेली कोई लड़की या महिला मिलती है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें और उनकी मदद करें। अगर कोई इसकी अनदेखी करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टीम के सभी सदस्यों ने की कड़ी मेहनत
एएसपी जयंत राठौर ने बताया कि मामले का खुलासा करने के साथ लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना और ईद का जुलूस भी शांतिपूर्वक निकलवाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। टीम के सभी सदस्यों ने कड़ी मेहनत की। इसी का नतीजा है कि आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए।