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मुंबई में बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर पति ने की पत्‍नी की हत्‍या, जानें तलाक के बाद बच्‍चे पर किसका होता है अधिकार

मुंबई के चेंबूर में बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर पति ने पति की हत्‍या कर दी। ये दोनों अलग रहते थे। पत्‍नी जारा पति पर तलाक देने के लिए दबाव बना रही थी जबकि पति शेख बच्‍चे की कस्‍टडी अपने पास चाहता था।

By JagranEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 27 Sep 2022 02:28 PM (IST)
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बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर पति ने की पत्‍नी की हत्‍या
मुंबई, एजेंसी। मुंबई (Mumbai) से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां एक पति ने अपनी पत्‍नी की चाकू घोंपकर हत्‍या कर दी है। मामला शहर के पूर्वी उपनगरीय इलाके चेंबूर (Chembur) की है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि विवाद बच्‍चे की कस्‍टडी (Child custody) को लेकर है।

बता दें कि पुलिस ने आरोपी इकबाल शेख (Iqbal Sheikh) को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने बेरहमी से अपनी पत्‍नी को मौत के घाट उतारा है। तिलक नगर पुलिस स्‍टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारी आज जल्‍द सुबह हुई है। 

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पत्‍नी को मिलने के बहाने बुलाकर की हत्‍या

36 साल का शेख अपनी पत्‍नी जारा (20) से अलग हो चुका था। हालांकि, उसने सोमवार सुबह जारा (Zara) को खुद से मिलने के लिए बुलाया। उसने जारा से कहा कि उसे कुछ बात करनी है इसलिए मिलना जरूरी है। लेकिन जैसे ही जारा उससे मिलने के लिए मौके पर पहुंची, उसने एक हथियार से उस पर वार करना शुरू कर दिया। इससे मौके पर ही जारा की मौत हो गई। 

बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर दोनों में कहासुनी

पुलिस ने बताया, शेख और जारा की साल 2019 में शादी हुई थी। इनका एक दो साल का बेटा है। जारा शेख पर उसे तलाक देने के लिए लगातार दबाव बना रही थी, जबकि शेख बच्‍चे को जारा के बजाय अपने पास रखने की बात कह रहा था। गौरतलब है कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

जानें बच्‍चे पर किसका अधिकार

माता-पिता के अलग होने के बाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर बात उठती है। अकसर सवाल मन में आता है कि बच्‍चे पर किसका अधिकार है, मां का या उसके पिता का। देश का कानून कहता है कि बच्‍चे की उम्र अगर पांच साल से कम है तो उसकी कस्‍टडी मां को दी जाती है और अगर वह नौ साल से ऊपर का है तो कोर्ट बच्‍चे से उसकी मर्जी जानना चाहता है कि वह मां के पास रहना चाहता है या पिता के पास। बच्‍चा अगर बड़ा है तो कोर्ट अकसर उसे अपने पास रखने का अधिकार पिता को देता है, जबकि अगर बेटी है तो मां को यह अधिकार मिलता है।

कस्‍टडी के कई रूप

कस्‍टडी की भी कई प्रक्रिया होती है। कई दफा बच्‍चों की देखभाल की जिम्‍मेदारी माता-पिता दोनों को दी जाती है। फिजिकल कस्‍टडी में किसी एक को प्राइमरी गार्डियन बनाया जाता है, जिसके पास बच्‍चे के रहने की अनु‍मति दी जाती है, जबकि इसमें दूसरे को विजिटेशन की इजाजत दी जाती है। इसके अलावा, कानून में ज्‍वाइंट कस्‍टडी (Joint Custody) का भी जिक्र है जिसमें बच्‍चा एक निश्चित समय के लिए दोनों के पास रह सकता है।

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