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Maharashtra: मुंबई के एक अदालत ने घोटाले के आरोपी कपिल वधावन को नासिक जेल में स्थानांतरित करने की दी अनुमति

Maharashtra News कपिल वधावन दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों में से एक हैं। वधावन प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए गए कई धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं। वह अभी तक नवी मुंबई की तलोजा जेल जेल में बंद थे लेकिन अब महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने आरोपी कपिल वधावन को नासिक जिले की जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 03 Sep 2023 09:50 AM (IST)
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आरोपी कपिल वधावन को नासिक जेल में स्थानांतरित करने की कोर्ट ने दी अनुमति (प्रतीकात्मक फोटो)
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने पुलिस अधिकारियों को कपिल वधावन को लेकर एक अनुमति जारी की है। इस अनुमति में डीएचएफएल के प्रमोटर और यस बैंक में कथित घोटाले से संबंधित एक मामले में आरोपी कपिल वधावन को नासिक जिले की जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी है। पिछले दिनों कपिल वधावन को पुलिस द्वारा मिल रहे विशिष्ट सत्कार की बात सामने आई थी।

कपिल वधावन दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों में से एक हैं। वधावन प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए गए कई धोखाधड़ी मामलों में आरोपी हैं। वह अभी तक नवी मुंबई की तलोजा जेल जेल में बंद थे।

धन शोधन निवारण अधिनियम और सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने शुक्रवार को आदेश पारित कर अधिकारियों को वधावन को स्थानांतरित करने की अनुमति दी। सूत्रों ने बताया कि उन्हें तुरंत नासिक स्थानांतरित कर दिया गया है।

बीमारी के बहाने किया अस्पताल में फोन और लैपटॉप को इस्तेमाल 

कुछ दिनों पहले ही कई समाचार चैनलों ने बताया कि जब भी कपिल और सह-आरोपी धीरज को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस दौरान वे अपने रिश्तेदारों से मिले और मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल किया।

इसके बाद उच्च जेल अधिकारियों ने विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया, जिसमें कपिल वधावन को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। आवेदन में कहा गया है कि कपिल वधावन को विभिन्न चिकित्सा समस्याओं के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में वास्तव में इलाज नहीं कराया या डॉक्टरों से जांच भी नहीं कराई।

वधावन ने कोर्ट को किसी गंभीर बीमारी की जानकारी नहीं दी 

न्यायाधीश ने कहा, “यह एक स्थापित मानदंड है कि एक अदालत को मीडिया प्रकाशन और मीडिया ट्रायल से प्रभावित नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर गंभीर अपराधों में शामिल आरोपी व्यक्तियों के आचरण के संबंध में कुछ वास्तविक तस्वीर उच्च जेल प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट की जाती है और रिकॉर्ड की जांच करने पर यदि रिपोर्ट में कोई तथ्य पाया जाता है, तो निश्चित रूप से अदालत इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती है।"

वधावन ने अपने अदालती आवेदनों में किसी गंभीर बीमारी की सूचना नहीं दी, लेकिन जेल अधीक्षक (तलोजा जेल) ने उन्हें जून और अगस्त 2023 के बीच 15 मौकों पर अस्पतालों में लेकर गए थे। कोर्ट के आदेश में इस बात का उल्लेख किया गए जिसके बाद उन्हें नासिक रोड जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति मिली है।

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