आदित्य ठाकरे ने BMC प्रशासक को लिखा पत्र, स्ट्रीट फर्नीचर खरीदने में 263 करोड़ के संभावित घोटाले पर मांगा जवाब
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी आयुक्त और प्रशासक इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर स्ट्रीट फर्नीचर खरीदने में 263 करोड़ रुपये के संभावित घोटाले पर उनसे जवाब मांगा है। आदित्य ने कहा कि एक ठेकेदार को स्ट्रीट फर्नीचर के लिए 263 करोड़ रुपये का टेंडर मिला है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 01 May 2023 08:07 AM (IST)
मुंबई, पीटीआई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के आयुक्त और प्रशासक इकबाल सिंह चहल को एक पत्र लिखा है, जिसमें स्ट्रीट फर्नीचर खरीदने में 263 करोड़ रुपये के 'संभावित घोटाले' पर उनसे जवाब मांगा गया है।
आदित्य ठाकरे ने 26 अप्रैल को लिखा पत्र
26 अप्रैल को लिखे पत्र में, जिसे आदित्य ठाकरे ने रविवार को ट्वीट किया था, उन्होंने आरोप लगाए जाने के बाद गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट और वीर जीजामाता प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सभी बोलीदाताओं के गुणवत्ता परीक्षणों की रिपोर्ट तक पहुंच की मांग की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरी प्रक्रिया बीएमसी के एक विशेष ठेकेदार मित्र के पक्ष में धांधली लगती है।
स्ट्रीट फर्नीचर के लिए ठेकेदार को मिला 263 करोड़ रुपये का टेंडर
वर्ली से विधायक आदित्य ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "पिछले कुछ महीनों में बीएमसी की ओर से प्रक्रियाओं और वित्तीय लेन-देन में कई अनियमितताएं सामने आई हैं ... मैं स्ट्रीट फर्नीचर की गड़बड़ी पर और स्पष्टता चाहता हूं, जो बीएमसी ने मेरे शहर में बनाई है। एक ठेकेदार को स्ट्रीट फर्नीचर के लिए 263 करोड़ रुपये का टेंडर मिला है। एक मुंबईकर के रूप में मेरे द्वारा पूछे गए कई सवालों का बीएमसी ने जवाब नहीं दिया है।"बीएमसी पर 263 करोड़ रुपये के घोटाले का लगा आरोप
पिछले महीने आदित्य ने बेंचों सहित स्ट्रीट फर्नीचर खरीदने की मुंबई नागरिक निकाय की योजना में 263 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि परियोजना के हिस्से के रूप में नागरिक निकाय हजारों स्ट्रीट बेंच (लगभग 40,000) और प्लांटर्स (कंटेनर जिसमें पौधे उगाए जाते हैं) खरीदने जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि बीएमसी इन सभी वस्तुओं को स्थापित कहां करेगी।
''मेरे सवालों का बीएमसी ने कोई जवाब नहीं दिया''
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि इन उत्पादों को नागरिक वार्डों द्वारा जरूरत के आधार पर खरीदा जाना चाहिए, न कि एक निविदा के माध्यम से केंद्रीय रूप से। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, "मैंने बीएमसी प्रशासक को एक और संभावित घोटाले के बारे में लिखा है, उस पर स्पष्टता मांगी है। एक मुंबईकर द्वारा पूछे गए इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर देने में उनकी स्पष्ट चुप्पी और असमर्थता केवल इस बात की पुष्टि करती है कि यह भी सड़कों की तरह एक घोटाला है।''''सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक को भी नहीं मिला जवाब''
आदित्य ने कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक ने भी इसी तरह का पत्र लिखा था, लेकिन मेरा मानना है कि उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला है। आश्चर्य है कि भाजपा ऐसे भ्रष्ट दिमाग वाले शासन का समर्थन क्यों करती है।"
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।