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अमृता फडणवीस रिश्वत और जबरन वसूली मामला, 'अवैध' गिरफ्तारी के खिलाफ अनिल जयसिंघानी की याचिका HC ने की खारिज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को संदिग्ध सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी की याचिका को खारिज कर दी। इस याचिका में उसने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में अपनी अवैध गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 03 Apr 2023 12:54 PM (IST)
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Amruta Fadnavis bribe and extortion case: 'अवैध' गिरफ्तारी के खिलाफ अनिल जयसिंघानी की याचिका को हाईकोर्ट ने की खारिज
मुंबई, पीटीआई। Amruta Fadnavis bribe and extortion case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में ‘अवैध’ गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली संदिग्ध सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि इसमें कोई दम नहीं है।

20 फरवरी को दर्ज हुई प्राथमिकी

दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल पुलिस स्टेशन ने 20 फरवरी को अनिल जयसिंघानी और उनकी बेटी अनीक्षा जयसिंघानी के खिलाफ कथित रूप से कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें कथित तौर पर अमृता फडणवीस को अनीक्षा से मदद लेते हुए दिखाया गया था।उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और धारा 385 (जबरन वसूली) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 (भ्रष्ट तरीकों का उपयोग करके लोक सेवक को प्रेरित करना) और 12 (उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अनीक्षा को 17 मार्च को किया गया गिरफ्तार

अनीक्षा को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सत्र अदालत ने इस मामले में 27 मार्च को उसे जमानत दे दी। उसके पिता अनिल जयसिंघानी को बाद में मुंबई पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

जयसिंघानी ने लगाया अवैध रूप से गिरफ्तार करने का आरोप

हाईकोर्ट में अपनी याचिका में, अनिल जयसिंघानी ने दावा किया कि उसे 19 मार्च को मामले में अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया और कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया था। उसके वकील मृगेंद्र सिंह ने तर्क दिया कि जयसिंघानी को गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की अदालत में पेश किया गया था।सिंह ने आरोप लगाया कि मामले में हर चीज की निगरानी शिकायतकर्ता के पति द्वारा की जा रही थी, जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।

राज्य महाधिवक्ता ने आरोपों का किया खंडन

राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि पुलिस ने सभी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन किया और रिमांड के लिए जयसिंघानी को अदालत में पेश करने में कोई देरी नहीं हुई। सराफ ने कहा कि पुलिस ने 19 मार्च को जयसिंघानी को केवल अपने कब्जे में लिया था और वे उसे मुंबई की सक्षम अदालत के समक्ष पेश करना चाहते थे। सराफ ने कहा कि गिरफ्तारी ज्ञापन के अनुसार, जयसिंघानी को 20 मार्च को शाम 5 बजे गिरफ्तार किया गया था और 21 मार्च को सत्र अदालत में पेश किया गया था।

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