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Ratan Tata Dog: रतन टाटा को उनके पालतू डॉग ने दी भावुक विदाई, अपने मालिक को कुछ यूं निहार रहा था 'गोवा'

रतन टाटा ने देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 11 आवारा कुत्तों को गोद लिया है और वह सक्रिय रूप से पशु प्रेमियों का समर्थन करते थे। टाटा ने आवारा कुत्तों के मुफ्त इलाज के लिए मुंबई में एक छोटा पशु अस्पताल (एसएएचएम) भी खुलवाया था। रतन टाटा का गोद लिया आवारा कुत्ता गोवा अपने मालिक को विदाई देने के लिए आया था।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 01:13 AM (IST)
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मुफ्त इलाज के लिए मुंबई में छोटा पशु अस्पताल खुलवाया था
जेएनएन, मुंबई। रतन टाटा का गोद लिया आवारा कुत्ता 'गोवा' गुरुवार को नेशनल सेंटर फार परफार्मिंग आ‌र्ट्स (एनसीपीए) में अपने संरक्षक के अंतिम दर्शनों के लिए उपस्थित हुआ। गोवा के केयरटेकर उसे दिवंगत रतन टाटा से आखिरी बार मिलवाने के लिए लाए थे।

गोवा के केयरटेकर ने बताया कि वह कुत्ता गोवा राज्य से लाए जाने के बाद से 11 साल से भी अधिक समय से टाटा परिवार के साथ है। उन्होंने बताया कि जब वह लोग गोवा एक पिकनिक पर गए थे, तब सुरक्षा गार्ड उसे लेकर आया था। रतन टाटा को वह बहुत प्रिय था। उसे गोवा से लाने की वजह से उसका नाम गोवा पड़ा।

टाटा ने कुछ समय पहले इंस्टाग्राम पर बताया था कि जब वह गोवा गए थे तो एक आवारा कुत्ता उनकी गाड़ी का पीछा करने लगा। तभी उन्होंने उसे गोद ले लिया और मुंबई ले आए और उसे बांबे हाउस में अन्य कुत्तों के साथ शरण दी।

आवारा कुत्तों के संरक्षक थे पशु प्रेमी रतन टाटा

उद्योगपति रतन टाटा सिर्फ भारतीय औद्योगिक विकास में योगदान के लिए ही प्रख्यात नहीं हैं, बल्कि उन्हें पशु प्रेम खासकर आवारा कुत्तों से विशेष स्नेह के लिए भी जाना जाता है। रतन टाटा ने देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 11 आवारा कुत्तों को गोद लिया है और वह सक्रिय रूप से पशु प्रेमियों का समर्थन करते थे।

टाटा ने आवारा कुत्तों के मुफ्त इलाज के लिए मुंबई में एक छोटा पशु अस्पताल (एसएएचएम) भी खुलवाया था।मुंबई स्थित यह पशु चिकित्सालय सभी सुविधाओं से लैस है और बहुत से आवारा कुत्तों और बिल्लों को यहां निशुल्क सेवाएं मिलती हैं। यहां तक कि टाटा समूह का मुख्यालय बांबे हाउस भी आवारा कुत्तों का स्वर्ग बन चुका है। यहां पर स्थायी रूप से 11 कुत्ते रहते हैं।

कुत्तों का देखभाल केंद्र खोला गया

वर्ष 2018 में बांबे हाउस की पहली मंजिल पर कुत्तों का देखभाल केंद्र खोला गया था। यहां पर उनके लिए खास कमरा है, जहां सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एमआरआइ सरीखी सुविधाएं हैं और कुत्तों को नहलाने की भी सुविधा है। कुछ आवारा कुत्ते यहां स्थायी रूप से रहते हैं। जबकि बाकी यहां समय-समय पर आकर सुविधाओं का लाभ पाते हैं। टाटा पशु प्रेमियों से निजी तौर पर भले ही न मिले हों, लेकिन वह उन्हें जानते थे और उनकी मदद भी करते थे।

स्नेहा विसारिया फोर्ट एरिया में 150 बिल्लियों व 60 कुत्तों को खाना खिलाती हैं। वह हर रोज बांबे हाउस में गोवा, बुशी, स्वीटी व छोटू आदि से भी मिलती हैं। विसारिया ने बताया कि रतन टाटा सीसीटीवी कैमरे से कुत्तों की देखरेख पर नजर रखते थे। वह लोगों से इंस्टाग्राम पर भी बरसात के दौरान गाड़ी स्टार्ट करने से पहले उसके नीचे शरण लिए कुत्तों का ध्यान रखने की अपील करते थे।

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