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Mumbai Crime: मानव तस्करी में नौसेना का एक और अफसर प्रेमिका समेत गिरफ्तार, ज्यादातर आरोपी जम्मू कश्मीर और दिल्ली के

मानव तस्करी रैकेट के मामले में भारतीय नौसेना के एक और वरिष्ठ अधिकारी को उसकी प्रेमिका को मुंबई क्राइम ब्रांच के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआइयू) ने गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच की ज्वाइंट कमिश्नर लक्ष्मी गौतम ने बताया कि अब तक 14 लोगों को पासपोर्ट मिले हैं जो दक्षिण कोरिया जाना चाहते थे। यह रैकेट पहले ही कई लोगों को वहां भेज चुका है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Mon, 01 Jul 2024 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 06:00 AM (IST)
मामले में जम्मू-कश्मीर के भी दो लोग गिरफ्तार किए गए

 मिडडे, मुंबई। मानव तस्करी रैकेट के मामले में भारतीय नौसेना के एक और वरिष्ठ अधिकारी को उसकी प्रेमिका को मुंबई क्राइम ब्रांच के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआइयू) ने गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों के साथ जम्मू और कश्मीर के दो निवासियों को भी सीआइयू ने अपनी गिरफ्त में लिया है।

यह भारतीय अफसर पिछले डेढ़ साल से इस रैकेट में शामिल है और विदेश भेजने के लिए हर व्यक्ति से 10-12 लाख रुपये वसूलता रहा है। आवेदन करने वाले लोग इन अफसरों के मार्फत दक्षिण कोरिया इसलिए जाना चाहते हैं क्योंकि वहां अन्य देशों के मुकाबले अधिक वेतन मिलता है। इस रैकेट में नौसैनिक अधिकारियों के शामिल होने से लोग उन पर आसानी से भरोसा कर लेते थे।

मानव तस्करी के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया

कुछ ही दिन पहले सीआइयू ने भारतीय नौसेना की छवि को दागदार करने वाले मानव तस्करी के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया जिसमें लोगों को फर्जी तरीके से दक्षिण कोरिया भेजने के मामले में लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन डोगरा को गिरफ्तार किया गया।

उनसे पूछताछ के आधार पर शुक्रवार को एक और वरिष्ठ नौसैनिक अफसर सब-लेफ्टिनेंट कमांडर ब्रह्मा ज्योति शर्मा (29) और पुणे निवासी उनकी प्रेमिका सिमरन जेती को गिरफ्तार किया जो विदेशी भाषाएं पढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा, दो अन्य नागरिकों को जम्मू और कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपित शर्मा के खाते में 1.65 करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली है। प्रेमिका जेती ने अपने परिवार के लोगों के नाम से कई खाते खुलवाए हैं जिसमें करीब 47 लाख रुपये हैं। इन्होंने भारतीयों को अवैध तरीके से दक्षिण कोरिया भेजने के लिए तोषा इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी भी बनाई थी।

ज्यादातर लोग जम्मू कश्मीर और दिल्ली के

क्राइम ब्रांच की ज्वाइंट कमिश्नर लक्ष्मी गौतम ने बताया कि अब तक 14 लोगों को पासपोर्ट मिले हैं जो दक्षिण कोरिया जाना चाहते थे। यह रैकेट पहले ही कई लोगों को वहां भेज चुका है। दक्षिण कोरिया जाने के इच्छुक लोगों में ज्यादातर लोग जम्मू कश्मीर और दिल्ली के हैं। चूंकि इन संवेदनशील क्षेत्रों से वीजा मिलना आसान नहीं होता, इसलिए इन लोगों को मुंबई से वीजा मुहैया कराया जाता है।

अधिकारियों को यह जानकारी दक्षिण कोरियाई दूतावास से मिली है। यह बात तब सामने आई जब नौसैनिक अफसर विपिन डोगरा दूतावास में जम्मू कश्मीर के एक व्यक्ति डा.रविकुमार के वीजा के लिए हंगामा कर रहा था। विपिन डोगरा के पास से 14 पासपोर्ट और रबर स्टैंप बरामद किए गए हैं।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर होता था काम

उल्लेखनीय है कि विगत शुक्रवार को नौसेना की पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट विपिन डोगरा को गिरफ्तार किया गया था। मानव तस्करी रैकेट फर्जी दस्तावेज के आधार पर वीजा दिलवाकर लोगों को दक्षिण कोरिया भेजता था, जहां वे बाद में शरण मांग लेते थे।


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