Maharashtra Politics: कांग्रेस को अलविदा बोल अब कहां जा रहे अशोक चह्वाण, क्या थाम सकते हैं भाजपा का दामन?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने अपनी विधानसभा सदस्यता के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। उनके भाजपा में जाने की संभावना जताई जा रही है। अशोक चह्वाण ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात कर विधानसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। 15 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने अपनी विधानसभा सदस्यता के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। उनके भाजपा में जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, चह्वाण ने कहा है कि अभी उन्होंने किसी पार्टी में जाने का निर्णय नहीं किया है। वह दो दिन में अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे।
विधानसभा की सदस्यता से दिया त्यागपत्र
अशोक चह्वाण ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात कर विधानसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र भेज दिया। माना जा रहा है कि वह जल्दी ही भाजपा में शामिल होंगे। 15 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों द्वारा अशोक चह्वाण के भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अन्य दलों के कई बड़े नेता हमारे संपर्क में हैं। आगे-आगे देखिए, होता है क्या। कहा जा रहा है कि अशोक चह्वाण समर्थक कई विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट या राकांपा अजीत गुट में जाने को तैयार बैठे हैं।महाराष्ट्र कांग्रेस में जारी है घमासान
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। उसके बाद दो दिन पहले पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी भी कांग्रेस छोड़कर राकांपा अजीत पवार गुट में जा चुके हैं। उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के भी सही समय पर अजीत गुट में जाने की संभावना जताई जा रही है। अब वरिष्ठ नेता अशोक चह्वाण का कांग्रेस छोड़ना न सिर्फ पार्टी, बल्कि पूरी महाविकास आघाड़ी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का निभा चुके हैं दायित्व
अशोक चह्वाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए आदर्श घोटाले में नाम आने के कारण उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। उनके पिता शंकरराव चह्वाण भी राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे। खासतौर से मराठवाड़ा में चह्वाण परिवार कांग्रेस की रीढ़ माना जाता रहा है। 2014 में जीती गईं दोनों लोकसभा सीटें अशोक चह्वाण के प्रभाव के कारण ही कांग्रेस जीत पाई थी।मराठवाड़ा में अशोक चह्वाण की क्या है ताकत?
मराठवाड़ा में अशोक चह्वाण की ताकत के भरोसे ही राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का महाराष्ट्र में प्रवेश उनके गृह क्षेत्र नांदेड़ से करवाया था। अब वह भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह भाजपा में एक बड़े मराठा नेता का सीधा आगमन होगा। मराठा नेतृत्व के मामले में भाजपा खुद को अभी तक कमजोर महसूस करती आई है। दूसरी ओर अशोक चह्वाण उस मराठवाड़ा क्षेत्र के नेता हैं, जहां आज की तारीख में भाजपा की सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) को मजबूत माना जाता है।
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