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Atal Setu: एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील के इस्तेमाल से बना है देश का सबसे लंबा पुल अटल सेतु, जानें क्या हैं इसकी खासियत

अटल सेतु के निर्माण में एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है। हावड़ा ब्रिज की तुलना में संरचनात्मक स्टील का चार गुना उपयोग किया गया है। इस प्रमुख समुद्री लिंक के निर्माण में उपयोग किया गया कंक्रीट भी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना अधिक है। यह पुल देश के सबसे लंबे पुलों में से एक होगा।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 12 Jan 2024 06:44 AM (IST)
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एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील के इस्तेमाल से बना है देश का सबसे लंबा पुल अटल सेतु
एएनआई, मुंबई। पीएम मोदी शुक्रवार को देश के सबसे लंबे को पुल जनता को समर्पित करने जा रहे हैं। लेकिन इस पुल की खास बात यह है कि इसमें पेरिस के एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है। मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले इस पुल से नागरिकों का यात्रा समय भी बचेगा। अब मुंबई से नवी मुंबई जाने में सिर्फ 20 मिनट लगते हैं। यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल और देश के सबसे लंबे पुलों में से एक होगा।

कंक्रीट भी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना अधिक लगा है

गुरुवार को एएनआई से बात करते हुए, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर मुखर्जी ने कहा कि इस पुल के निर्माण में एफिल टॉवर से 17 गुना ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है। हावड़ा ब्रिज की तुलना में संरचनात्मक स्टील का चार गुना उपयोग किया गया है। इस प्रमुख समुद्री लिंक के निर्माण में उपयोग किया गया कंक्रीट भी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना अधिक है।

आगे उन्होंने बताया कि यह पुल नवीनतम तकनीक और कई नए जमाने की सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक भी शामिल हैं जो विशाल स्पैन देने में मदद करते हैं। समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए ध्वनि और कंपन को कम करने के लिए नदी परिसंचरण रिंगों का भी उपयोग किया गया है।

जलीय वातावरण को बाधित या परेशान नहीं करेगा पुल

आगे बोले कि इस पुल में उपयोग की जाने वाली लाइटें इसके आसपास के जलीय वातावरण को बाधित या परेशान नहीं करेंगी। वहीं, इस पुल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी पर्यावरणीय स्थिरता है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने इस ऐतिहासिक स्थल को सराहना प्रमाण पत्र भी दिया है।

कमिश्नर ने कहा कि इस पुल में सबसे उन्नत ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है. यह अन्य चीजों के अलावा कोहरे, कम दृश्यता और निर्धारित गति सीमा से अधिक चलने वाले वाहनों का पता लगा सकता है। देश का सबसे बड़ा 'अटल सेतु' समुद्र, जमीन और दलदल तीनों हिस्सों में बना है। यह 21 हजार करोड़ रुपये की परियोजना है, इस परियोजना में 10 देशों के विषय विशेषज्ञों ने योगदान दिया है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 1500 से अधिक इंजीनियरों और लगभग 16500 कुशल मजदूरों ने तीन शिफ्टों में चौबीसों घंटे काम किया है।

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