छगन और उनके भतीजे की जमानत अर्जी खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही मनी लांड्रिंग के मामलों में जमानत के लिए कड़ी शर्तों वाले प्रावधान का असंवैधानिक करार दिया था।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 19 Dec 2017 03:28 PM (IST)
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल को सोमवार को बड़ा झटका लगा। स्थानीयअदालत ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर मुकदमों के सिलसिले में उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने उनके भतीजे और लोकसभा के पूर्व सदस्य समीर भुजबल की भी जमानत याचिका अस्वीकार कर दी है।
विशेष पीएमएलए जज एमएस आजमी ने कहा, 'दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज की जा रही हैं।' अदालत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व मंत्री की ओर से स्वास्थ्य आधार पर दायर की गई जमानत अर्जी को पहले ही खारिज कर चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही मनी लांड्रिंग के मामलों में जमानत के लिए कड़ी शर्तों वाले प्रावधान का असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट का कहना था कि पीएमएलए की धारा 45(1) में रखी गई शर्तों के चलते आरोपियों के लिए जमानत पाना लगभग नामुमकिन है। यह कानून उस मूल सिद्धांत के खिलाफ है, जिसमें ये माना जाता है कि जेल अपवाद है और जमानत नियम है।
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