Move to Jagran APP

Baramati Seat: चाचा शरद पवार के गढ़ में भतीजे अजित पवार की हुंकार, अभेद्य बारामती लोकसभा सीट में फंस सकता है पेंच

अभी लोकसभा चुनाव घोषित नहीं हुए हैं। हालांकि महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार के परिवार में टकराव के संकेत अभी से मिलने लगे हैं। उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को तोड़ चुके उनके भतीजे अजित पवार ने लोकसभा की बारामती सीट से भी अपना उम्मीदवार उतारने के संकेत दे दिए हैं। इसे शरद पवार का अभेद्य किला समझा जाता है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 05 Feb 2024 08:51 PM (IST)
Hero Image
चाचा शरद पवार के गढ़ में भतीजे अजित पवार की हुंकार। (फाइल फोटो)

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। अभी लोकसभा चुनाव घोषित नहीं हुए हैं। लेकिन महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार के परिवार में टकराव के संकेत अभी से मिलने लगे हैं। उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को तोड़ चुके उनके भतीजे अजित पवार ने लोकसभा की बारामती सीट से भी अपना उम्मीदवार उतारने के संकेत दे दिए हैं। इसे शरद पवार का अभेद्य किला समझा जाता है।

फिलहाल, इस सीट से उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले सांसद हैं। रविवार को बारामती शहर में राकांपा के जनसंपर्क कार्यालय का उद्घाटन करते हुए अजित पवार ने कहा कि आज वातावरण मोदी को मौका देने का है। मैंने राजनीतिक निर्णय ले लिया है। जो सीटें हमारे पास हैं, वहां से हम लड़ेंगे। बारामती की सीट से भी हम लड़ेंगे।

मैंने जो काम किए, उन्हें ध्यान में रखिएगा- अजित

उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव पहले होंगे। मेरी आपसे विनती है कि उस चुनाव में यदि आपको मेरा समर्थन करना हो तो बारामती में जो बदलाव और काम हो रहे हैं, उन्हें ध्यान में रखिएगा। मैंने विकास के लिए जो काम किए, उन्हें ध्यान में रखिएगा।

अजित ने चाचा शरद पवार पर तंज कसा

इसी कड़ी में अजित ने बिना नाम लिए अपने चाचा शरद पवार पर तंज कसा। कहा कि इस चुनाव में कुछ लोग आएंगे। भावनात्मक बातें करेंगे और आपको बहकाएंगे। कहेंगे कि यह मेरा आखिरी चुनाव है। अब मुझे नहीं पता कि क्या वाकई यह उनका आखिरी चुनाव है। लेकिन, आप भावनाओं में मत बहिएगा। प्रैक्टिकल बनकर सोचिएगा।

प्रतिनिधिमंडल अजित पवार से मिला

अजित पवार के उक्त कथन से स्पष्ट हो गया है कि वह इस बार अपनी चचेरी बहन एवं बारामती से तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले के साथ कोई रहम नहीं बरतने वाले हैं। बता दें कि रविवार को ही बारामती के राकांपा कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी अजित पवार से मिला। उसने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को ही वहां से राकांपा का लोकसभा उम्मीदवार बनाने की मांग भी की।

बारामती सीट 1984 से पवार परिवार के पास

यह सीट 1984 से ही ज्यादातर पवार परिवार के पास ही रही है। 1984 में शरद पवार स्वयं यहां से लोकसभा चुनाव जीते थे। 1985 में मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। 1991 में इसी सीट से उनके भतीजे अजित पवार चुनकर गए थे। इस सीट से छह बार शरद पवार, एक बार अजित पवार और तीन बार शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले चुनाव जीत चुकी हैं।

बारामती भाजपा के लिए मुश्किल सीट

बारामती लोकसभा सीट देश की 144 एवं महाराष्ट्र की उनकी 16 सीटों में शामिल है, जिसे भाजपा अपने लिए मुश्किल मानती रही है। इसलिए राकांपा में विभाजन से पहले ही उसने इस सीट की जिम्मेदारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन को दे रखी थी।

अब यदि भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट एवं राकांपा अजित पवार गुट के सीट बंटवारे में यह सीट अजित पवार के हिस्से में आती है, तो पवार परिवार के बीच ही रोचक चुनावी जंग देखने को मिल सकती है।

ये भी पढ़ें: Thane Crime News: ठाणे में पति ने पत्नी की गरदन रेतने की कोशिश की, पुलिस ने किया गिरफ्तार

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें