Move to Jagran APP

भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ा रहीं BHEL की बनाई गई सुपर रैपिड तोपें, हर आधे सेकंड में दागती हैं एक गोला

भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोतों पर सबसे आगे लगने वाली सुपर रैपिड तोपें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का परिचय है। सुपर रैपिड तोपें स्मार्ट एम्युनेशन से लैस हैं। ये तोपें अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकती हैं। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 01 Jun 2023 08:41 AM (IST)
Hero Image
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ा रहीं BHEL की बनाई गई सुपर रैपिड तोपें
राज्य ब्यूरो, मुंबई। भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोतों पर सबसे आगे लगने वाली सुपर रैपिड तोपें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहे भारत का संकेत हैं। आइएनएस चेन्नई पर लगी ऐसी ही तोप का निरीक्षण करते हुए भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडे ने कहा कि स्वदेश निर्मित ये गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत हमारे देश की तकनीकी एवं विनिर्माण क्षमता का प्रतीक है।

स्वदेशी तोपें भारतीय नौसेना की बढ़ा रहीं ताकत

भविष्य में ऐसी ही स्वदेश निर्मित अपग्रेडेड सुपर रैपिड गन माउंट्स (एसआरजीएम) को भारतीय नौसेना के सभी विध्वंसक पोतों पर लगाए जाने की योजना है। आइएनएस चेन्नई पर केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडे के साथ पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

उन्होंने भा इन स्वदेशनिर्मित तोपों को मिलने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की ही कंपनियों द्वारा निर्मित रक्षा उपकरणों की उपलब्धता नौसेना एवं संपूर्ण रक्षा क्षेत्र को ताकत प्रदान करेगी।

सुपर रैपिड गन माउंट्स 32 से 36 किमी का भेद सकती हैं लक्ष्य

इस अवसर पर भारत हैवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के सीएमडी डॉ. नलिन सिंहल भी उपस्थित थे। बीएचईएल की डायरेक्टर (इंडस्टि्रयल सिस्टम एंड प्रोडक्ट्स) रेणुका गेरा ने बताया कि स्मार्ट एम्युनेशन से लैस ये तोपें अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकती हैं।

पहले की तोपें 16 से 18 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को ही भेद सकती थीं, जबकि अब बन रही उन्नत किस्म की सुपर रैपिड गन माउंट्स (एसआरजीएम) 32 से 36 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भी भेद सकेंगी। यानी इन तोपों की लक्ष्यभेदन क्षमता काफी बढ़ चुकी है।

हर आधे सेकंड में एक गोला दागती हैं यें तोप

भारतीय नौसेना ने पिछले साल ऐसी 20 से अधिक तोपों का आर्डर बीएचईएल को दिया था। इस साल भी 20 तोपों का आर्डर मिलने की उम्मीद है। गेरा के अनुसार, तोपें नौसेना की युद्धक पोतों पर सबसे आगे लगाई जाती हैं। इन स्वचालित तोपों का परिचालन राडार से नियंत्रित होता है, जो लक्ष्य का पता चलते ही कुछ ही सेकंडों में उसका विध्वंसक करने की क्षमता रखती हैं।

ये एक मिनट में 10 चक्र से 120 चक्र तक गोले दाग सकती हैं। यानी आधे सेकंड में एक गोला। बीएचईएल भारतीय नौसेना को इन खूबियों वाली 45 तोपें अभी तक दे चुका है। 55 और तोपें देने की योजना है। इन तोपों की मरम्मत और सुधार का काम भी अब बीएचईएल ही कर रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।