रेलवे में नौकरी के नाम पर बड़ी ठगी, 20 लोगों को बनाया शिकार; 1.31 करोड़ रुपये झांसा देकर वसूले
मुंबई और ठाणे में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आाए हैं। पुलिस ने कुल 32 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सबसे बड़ी ठगी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर की गई। इस मामले में 20 लोगों से कुल 1.31 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर भी धोखाधड़ी की गई है।
जेएनएन, मुंबई। मुंबई पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन आरोपियों ने भारतीय रेलवे में लिपिक की नौकरी का झांसा देकर 1.31 करोड़ रुपये की ठगी की। आरोपियों ने कुल 20 लोगों को अपना शिकार बनाया। नकद और ऑनलाइन माध्यम से ठगी की रकम हासिल की। सभी के खिलाफ खारघर पुलिस थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।
जब पैसा मांगा तब हुआ ठगी का अहसास
खारघर पुलिस थाने के प्रभारी के मुताबिक आरोपियों ने सितंबर 2022 से अप्रैल 2023 के बीच 20 लोगों से ठगी की। लोगों ने जब आरोपियों से नौकरी के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने कुछ भी नहीं बताया। बार-बार पूछने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तो पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे। मगर आरोपियों ने रकम नहीं लौटाई। इस पर उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद खारघर के रहने वाले सभी पीड़ितों ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 16.4 लाख रुपये की धोखाधड़ी
उधर, ठाणे में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के माध्यम से तगड़ा मुनाफा देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुंब्रा पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने खुद को एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी का प्रतिनिधि बताया।
चेंबूर निवासी दोनों पीड़ितों को मार्च महीने में निवेश की खातिर राजी किया। इसके बाद पीड़ितों ने 16.48 लाख रुपये की धनराशि ठगों को भेज दी। मगर इसके बाद पीड़ितों को कोई रकम नहीं मिली। ठगी का अहसास होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सभी दसों आरोपी ठाणे के दिवा, डोंबिवली और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
अस्पताल में नौकरी के नाम पर ठगी
मुंबई में ही ठगी का एक अन्य मामला सामने आया है। यहां फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से एक महिला ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मई में एक व्यक्ति अंधेरी के अस्पताल पहुंचा। उसने अपना नियुक्ति पत्र सौंपा और कहा कि कंप्यूटर बिलिंग विभाग में उसकी नौकरी लगी है। हालांकि अस्पताल कर्मचारियों की जांच में नियुक्ति पत्र फर्जी निकला।
इसके बाद अस्पताल ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जुलाई महीने में महिला ने व्यक्ति से नौकरी के बारे में संपर्क किया। वर्सोवा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के अनुसार नौकरी के बदले पीड़ित ने एक व्यक्ति को 50 हजार रुपये की रकम भी दी थी। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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