Mumbai: लिव-इन पार्टनर को काटकर कुकर में उबाला; रूह कंपा देने वाले रक्तरंजित घटनाक्रम की ये है पूरी कहानी
कुछ माह पहले मुंबई की रहनेवाली श्रद्धा वालकर के साथ उसके ब्वायफ्रेंड आफताब ने दिल्ली में ऐसी ही घटना को अंजाम दिया था। अब मीरा रोड के नया नगर क्षेत्र में स्थित गीता आकाशदीप बिल्डिंग में उससे भी जघन्य एक नया मामला सामने आया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई के निकट ठाणे स्थित मीरारोड निवासी 56 वर्षीय मनोज साने ने अपनी लिव-इन पार्टनर 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य को मारकर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। महिला के शव को ठिकाने लगाने के लिए उन टुकड़ों को कुकर में उबाला, फिर मिक्सी में पीसा और आसपास के कुत्तों को खिला दिया।
पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने आरोपित को 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
कुछ माह पहले मुंबई की रहनेवाली श्रद्धा वालकर के साथ उसके ब्वायफ्रेंड आफताब ने दिल्ली में ऐसी ही घटना को अंजाम दिया था। अब मीरा रोड के नया नगर क्षेत्र में स्थित गीता आकाशदीप बिल्डिंग में उससे भी जघन्य एक नया मामला सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
आरोपित मनोज साने ने चार जून की सुबह अपने साथ रह रही सरस्वती वैद्य की हत्या करने के बाद उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उसे कुकर में उबाला। फिर नरम पड़ गए टुकड़ों को मिक्सर में पीसकर कुत्तों को खिलाता रहा। पड़ोसियों ने इससे पहले मनोज को कभी कुत्तों को कुछ खिलाते नहीं देखा था।
कैसा हुआ हत्याकांड का खुलासा?
क्षेत्रीय पुलिस उपायुक्त जयंत बजबले के अनुसार,
मनोज के घर से लगातार बदबू आने पर उसके पड़ोसियों ने बुधवार शाम सात बजे पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस सादे कपड़ों में सातवीं मंजिल स्थित मनोज के किराए के घर पहुंची, तो वह बाहर था, लेकिन पुलिस के दरवाजा तोड़ने से पहले ही वह वहां पहुंच गया।
फ्लैट पर मिली काली पालीथिन
जब पुलिस ने उससे दरवाजा खुलवाकर अंदर प्रवेश किया तो उसे बिस्तर पर एक काली पालीथिन पड़ी मिली। रसोई में तीन बाल्टियों में मांस के टुकड़े और खून भरा मिला। महिला के शव का ऊपरी हिस्सा ठिकाने लगाया जा चुका था। पुलिस को बाल्टी में महिला के कटे हुए पैर मिले।
पुलिस आयुक्त जयंत बजवले और उनकी टीम ने इस हत्याकांड की जांच शुरू की है। उनका कहना है कि यह हत्या इस हफ्ते की शुरुआत में रविवार या सोमवार को हुई होगी। उनका मानना है कि साने ने शव के कुछ हिस्से टायलेट में फ्लश भी कर दिए हैं।
क्या बोला आरोपित?
पड़ोसियों के अनुसार, घर के अंदर इतनी दुर्गंध थी कि वहां खड़े रहना भी मुश्किल हो रहा था। एक-दो दिन पहले ही एक पड़ोसी ने मनोज के घर के अंदर एयर फ्रेशनर छिड़के जाने की आवाज भी सुनी थी, लेकिन मनोज साने ने पुलिस को बताया है कि सरस्वती की हत्या उसने नहीं की।
मनोज साने ने बताया कि सरस्वती ने स्वयं कीटनाशक खाकर आत्महत्या की है। उसने तो सिर्फ डर के मारे उसके शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से उसके टुकड़े-टुकड़े कर कुकर में उबाला था, लेकिन पुलिस उसके इस कथन पर भरोसा नहीं कर रही है।
श्रद्धा वालकर हत्याकांड से प्रेरित हुआ था आरोपित
पुलिस का कहना है कि मनोज ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड से प्रेरणा लेकर ही यह जघन्य अपराध किया है। पुलिस के अनुसार, मनोज और सरस्वती की उम्र में 24 वर्ष का बड़ा अंतर था। सरस्वती अनाथ थी और बोरीवली के एक अनाथ आश्रम में रहती थी, जबकि मनोज साने बोरीवली की ही एक राशन की दुकान पर काम करता था।
पुलिस के मुताबिक, दोनों की मुलाकात उसी राशन की दुकान पर हुई थी। दोनों करीब सात साल से लिव इन रिलेशनशिप में थे। पिछले तीन साल से दोनों उसी आकाशदीप सोसायटी में रह रहे थे, जहां यह वारदात हुई है, लेकिन दोनों का पड़ोसियों से कोई संबंध नहीं था। पड़ोसियों को उनका नाम भी यह घटना होने के बाद पुलिस से पता चला है।
बुधवार को मनोज के घर के ठीक सामने रहनेवाले सोमेश श्रीवास्तव ने बिल्डिंग के नीचे मिलने पर जब उसके घर से दुर्गंध आने की शिकायत की, तो उसने कहा कि मैं लौटकर देखता हूं। लेकिन पड़ोसियों ने उसके घर लौटने के पहले ही पुलिस को सूचना दे दी थी।
क्या हत्यारे को था HIV?
56 वर्षीय हत्यारे मनोज साने ने पुलिस को दिए बयान में उसके एचआइवी से पीड़ित होने का दावा किया है। पुलिस हत्यारे के इस दावे की जांच करने की कोशिश कर रही है। बर्बर हत्यारे ने पुलिस को बताया है कि पिछले कई सालों से इस बीमारी से पीड़ित होने के कारण ही उसने अपने लिवइन पार्टनर से शादी नहीं की।
उसने पुलिस से यह भी दावा किया कि उसने पीड़िता से कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाए, लेकिन वह उससे बहुत प्रेम करता था। पुलिस यह भी पता कर रही है कि पीड़िता भी इस बीमारी से पीडि़त थी या नहीं। सरस्वती 2010 में अहमदनगर से मुंबई आई थी।
- आरोपित का जन्म पश्चिम बोरीवली के बभाई क्षेत्र में हुआ था। दस साल पहले पिता और आठ साल पहले मां की मौत हो गई थी।
- आरोपित ने आईटीआई से पढ़ाई की थी। बहुत साल पहले वह गोराई क्षेत्र में आरे मिल्क सेंटर चलाता था, लेकिन वन विभाग ने उसे गिरा दिया और उसका कारोबार बंद हो गया।
- बाद में उसने किराने की दुकान खोल ली। उसके पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि वह उतना खूंखार कृत्य कर सकता है।