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Mumbai: मां की हत्या कर कढ़ाई में पकाकर खा गया शव के अंग... मामला जानकर जज के भी छूटे पसीने

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोल्हापुर की अदालत द्वारा एक व्यक्ति को 2017 में अपनी मां की हत्या करने और कथित तौर पर शरीर के कुछ अंग खाने के लिए दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय ने कहा कि दोषी के सुधार की कोई संभावना नहीं है। यदि उसे जेल में रखा तो वह वहां पर भी इस तरह की क्रूरता कर सकता है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Tue, 01 Oct 2024 05:42 PM (IST)
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोल्हापुर अदालत का फैसला रखा बरकार (File Photo)
पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोल्हापुर अदालत के 2017 के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी मां की हत्या करने और और फिर शव के अंगों को खाने के लिए मौत की सजा सुनाई थी।

कढ़ाई में पकाकर खाए आंग

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि वह दोषी सुनील कुचकोरवी की मौत की सजा को बरकरार रखती है और कहा कि उसके सुधरने की कोई संभावना नहीं है। यह नरभक्षण का मामला है और क्रूरता की श्रेणी में आता है। हाई कोर्ट ने कहा कि दोषी ने न केवल अपनी मां की हत्या की, बल्कि उसने उसके शरीर के अंग - मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और आंत भी निकाल लिए और उन्हें कढ़ाई में पका रहा था।

दोषी में नरभक्षण की प्रवृत्ति

उच्च न्यायालय ने कहा कि दोषी के सुधार की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि वह नरभक्षण की प्रवृत्ति का है। अगर उसे आजीवन कारावास दिया जाता है, तो वह जेल में भी इसी तरह का अपराध कर सकता है। दोषी कुचकोरवी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए फैसले की जानकारी दी गई।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि आरोपी सुनील कुचकोरवी ने 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर शहर में अपने आवास पर अपनी 63 वर्षीय मां यल्लामा रामा कुचकोरवी की निर्मम हत्या कर दी थी। बाद में उसने शव को काटा और कुछ अंगों को कढ़ाई में तलकर खा लिया था।

मृतक ने आरोपी को शराब खरीदने के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उसने अपनी मां की हत्या कर दी थी। आरोपी सुनील कुचकोरवी को 2021 में कोल्हापुर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वह यरवदा जेल (पुणे) में बंद है।

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