Move to Jagran APP

हिजाब, नकाब, बुर्का और टोपी पर जारी रहेगा बैन, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इन 9 मुस्लिम छात्रों की क्यों खारिज की याचिका

बॉम्बे उच्च न्यायालय ( Bombay HC) ने बुधवार को शहर के एक कॉलेज द्वारा अपने परिसर में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय में हस्तक्षेप करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि वह कॉलेज द्वारा लिए गए निर्णय में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Wed, 26 Jun 2024 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 07:07 PM (IST)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 9 मुस्लिम छात्रों की खारिज की याचिका (Image: File)

मुंबई, पीटीआई।  बांबे हाई कोर्ट ने मुंबई के एक कालेज के अपने परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। चेंबूर ट्रांबे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कालेज के एक ड्रेस कोड लागू करने के निर्देश को चुनौती देते हुए नौ मुस्लिम छात्राओं ने इस महीने की शुरुआत में बांबे हाई कोर्ट का रुख किया।

कॉलेज परिसर के अंदर नहीं पहन सकते है यह सब

इसके तहत छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर के अंदर हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी और बैज नहीं पहन सकते।जस्टिस एएस चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि वह कालेज के लिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इसके खिलाफ नौ मुस्लिम छात्राओं की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी, जो विज्ञान डिग्री पाठ्यक्रम के दूसरे और तीसरे वर्ष में हैं।

ड्रेस कोड एक वाट्सएप संदेश के जरिये सब पर थोपा गया

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता अल्ताफ खान ने कहा कि इस मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से अलग रखें। चूंकि यह मामला सीनियर कालेज के छात्राओं का है जहां यूनिफार्म नहीं होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रेस कोड एक वाट्सएप संदेश के जरिये सब पर थोपा गया है। इससे याचिकाकर्ताओं की चुनाव करने की आजादी, शारीरिक पवित्रता और स्वायत्तता को ठेस पहुंचती है। जबकि कालेज प्रशासन का कहना है कि यह अनुशासनात्मक फैसला सभी जाति व धर्म के छात्र-छात्राओं के लिए है।

फैसला मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं

यह फैसला मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है। चेंबूर ट्रांबे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कालेज द्वारा एक ड्रेस कोड लागू करने के निर्देश को चुनौती देते हुए छात्रों ने इस महीने की शुरुआत में हाई कोर्ट का रुख किया, जिसके तहत छात्र-छात्राएं कालेज परिसर के अंदर हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी और बैज नहीं पहन सकतीं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि ऐसा निर्देश उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकारों, निजता के अधिकार और पसंद के अधिकार के खिलाफ है।

यह भी पढ़ें: Bombay High Court: बॉम्बे HC ने खारिज की शराब पीकर मर्सिडीज चलाने वाली महिला की याचिका, कहा- अब तो समझदार व्यक्ति भी...

यह भी पढ़ें: Maharashtra: अचानक देर रात CM आवास क्यों पहुंच गए अनंत अंबानी? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिया ये खास न्योता


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.